अयोध्या में रामलला के प्राण- प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियां जोरो- शोरों से चल रही हैं। इस मौके पर पूरे देश का माहौल राममय हुआ पड़ा है, लेकिन कुछ लोग भक्ती का फायदा उठाने की फिराक में है। राम मंदिर को लेकर एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है...
फरजी वेबसाइट कर रही प्रसाद देने का दावा
एक वेबसाइट द्वारा 22 जनवरी को प्राण- प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक अवसर का प्रसाद देने का दावा किया जा रहा है। उसमें भी ये वेबसाइट का नाम खादी के नाम पर है। ऐसे में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा उस वेबसाइट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्णय लिया है। इस संबंध में केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि उन्होंने उक्त वेबसाइट की सत्यता की जांच कराई है। ये वेबसाइट फर्जी है क्योंकि ये खादी के नाम का इस्तेमाल कर रहा है, जबकि उसका केवीआईसी से कोई जुड़ाव नहीं है। ऐसे में वो खादी नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता है।
बड़ी संख्या में रामभक्तों ने करवाई बुकिंग
खादी आर्गेनिक नाम की वेबसाइट से 22 जनवरी को पहले दिन के प्रसाद को घर तक पहुंचाने का दावा किया जा रहा है। हालांकि प्रसाद निशुल्क है, जबकि पहुंचाने के लिए बुकिंग पेमेंट तुरंत करने पर 50 रुपये तथा प्रसाद को घर पहुंचाकर पैसे लेने की स्थिति में 100 रुपये मांगे जा रहे हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में राम भक्तों ने इसपर बुकिंग भी करा ली है।
कंपनी का पता नोएडा का
कंपनी की वेबसाइट पर पता नोएडा का है, जबकि जो नंबर दिए गए हैं। उसमें से कई बंद और कुछ व्यस्त मिले, जिससे बात नहीं हो पाई है।
क्या कहा वीएचपी ने?
विहिप (विश्व हिंदू परिषण) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने इस वेबसाइट पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह से प्रसाद वितरण के लिए ट्रस्ट ने किसी को भी अधिकृत नहीं किया है। उन्होंने संदेह जताते हुए कहा कि भगवान श्रीराम के प्रसाद और खादी दोनों को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास तो नहीं है। लोगों को सतर्क रहने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से कोई अधिकाधिक सूचना न आए। तब तक इस तरह मिथ्या विज्ञापन पर भ्रमित होकर पैसे और सुरक्षा पर दाव न लगाए। इस मामले में उन्होंने पुलिस से कार्रवाई की मांग की है।