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Nari

"सुरों की मलिका जसपिंदर नरूला को मिला बड़ा सम्मान, राष्ट्रपति ने थमाया पद्म श्री!

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 29 Apr, 2025 01:04 PM

नारी डेस्क: "सबकी बारातें आईं..." जैसे मशहूर गाने से सबके दिलों में खास जगह बनाने वाली गायिका जसपिंदर नरूला को भारत सरकार ने उनके शानदार संगीत करियर के लिए पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया है। यह सम्मान उन्हें 28 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा एक भव्य समारोह में दिया गया। जसपिंदर नरूला ने कहा, "जब आपकी तपस्या सफल होती है तो बहुत अच्छा लगता है।" उनके गीतों ने बॉलीवुड से लेकर भक्ति और सूफी संगीत तक लोगों के दिलों को छुआ है।

बचपन से संगीत से जुड़ी रहीं

जसपिंदर नरूला का जन्म एक संगीतकार परिवार में हुआ। उनके पिता केसर सिंह नरूला 1950 के दशक में संगीतकार थे। उन्होंने छोटी उम्र से ही संगीत सीखना शुरू कर दिया था और बाद में उस्ताद गुलाम सादिक खान से हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली। भले ही उनके स्कूल में संगीत विषय नहीं था, लेकिन उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज से संगीत में बी.ए. ऑनर्स किया और फिर 2008 में पीएचडी भी पूरी की।

 

 बॉलीवुड में करियर की शुरुआत

जसपिंदर नरूला को फिल्म इंडस्ट्री में पहला मौका संगीतकार कल्याणजी ने दिया, जिन्होंने उन्हें विजू शाह से मिलवाया। इसके बाद उन्होंने मास्टर, आर या पार और बड़े मियां छोटे मियां जैसी फिल्मों में गाने गाए।

 ‘प्यार तो होना ही था’ से मिली पहचान

1998 में आई फिल्म "प्यार तो होना ही था" के टाइटल सॉन्ग ने उन्हें जबरदस्त पहचान दिलाई। यह गाना उन्होंने रेमो फर्नांडिस के साथ गाया था। इस गाने के लिए उन्हें 1999 का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला।

हिट गानों की लंबी लिस्ट

जसपिंदर नरूला ने कई हिट फिल्मी गानों में अपनी आवाज़ दी है। उनके कुछ खास गाने:

"तारे हैं बाराती" – विरासत (1997)

"जुदाई जुदाई" – जुदाई (1997)

"हंगामा हो जाए" – बादशाह (1999)

"ना लेके जाओ" – फिजा (2000)

उन्होंने नदीम-श्रवण, अनु मलिक और जतिन-ललित जैसे बड़े संगीत निर्देशकों के साथ भी काम किया।

भक्ति और सूफी संगीत में भी पारंगत

फिल्मी गानों के अलावा जसपिंदर नरूला ने भक्ति और सूफी संगीत में भी खूब नाम कमाया है। उनकी आवाज़ में वो मिठास और गहराई है जो हर तरह के संगीत में जान डाल देती है।

पद्म श्री मिलना उनके संगीत प्रेम, मेहनत और लगन का सम्मान है। जसपिंदर नरूला आज भी कई लोगों के दिलों की धड़कन हैं और उनकी आवाज़ आने वाले कलाकारों के लिए प्रेरणा है।
  

 

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