देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक सत्र को संबोधित किया। यह कार्यक्रम सीआईआई की स्थापना के 125 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया। इस वार्षिक सत्र का मुख्य विषय 'गेटिंग ग्रोथ बैक' यानि वृद्धि की राह पर लौटना था। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सत्र को संबोधित करते हुए कहा...
1. कोरोना संकट में लोगों के जीवन का बचाने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था में भी गति लानी है। अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करना सबसे जरूरी है। भारत की अर्थव्यवस्था पटरी पर जरूर लौटेगी। इसके लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से गरीबों को तुरंत लाभ मिला। 74 करोड़ लोगों के घर राशन पहुंचाया गया है।
2. भारत लॉकडाउन को पीछे छोड़ अनलॉक फेज 1 में प्रवेश कर चुका है। अर्थव्यवस्था का काफी हिस्सा खुल चुका है। जो आठ जून के बाद और भी खुल जाएगा। जब दुनिया में कोरोना वायरस पैर फैला रहा था तभी भारत ने सही समय पर सही कदम उठाए। दुनिया के तमाम देशों से तुलना करें तो आज हमें पता चलता है कि भारत में लॉकडाउन का कितना प्रभाव पड़ा है। भारत ने कोरोना से लड़ने के लिए फिजिकल रिसोर्स को तैयार किया।
3. गरीब परिवारों को 53,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की वित्तीय मदद की जा चुकी है। महिलाओं, दिव्यांगों, बुजुर्गों, श्रमिकों को इससे लाभ मिला है। लॉकडाउन के दौरान सरकार ने गरीबों को आठ करोड़ से ज्यादा गैस सिलिंडर उनके घरों तक मुफ्त पहुंचाए। निजी क्षेत्र के करीब 50 लाख कर्मचारियों के खाते में 24 फीसदी ईपीएफ का योगदान किया गया है।
4. भारत को तेज विकास के पथ पर लाने के लिए पांच बातें बहुत जरूरी हैं - इंटेंट, इंक्लूजन, इंफ्रास्ट्रक्चर, इन्वेस्टमेंट और इनोवेशन। हाल में ऐसे कई फैसले लिए गए हैं, जिसमें इसकी झलक दिख जाएगी। हमारे लिए सुधार का मतलब है, फैसले लेने का साहस करना।
5. सरकार आज ऐसे पॉलिसी रिफॉर्म कर रही है जिनकी देश ने उम्मीद छोड़ दी थी। कृषि क्षेत्र की बात करें तो हमारे यहां आजादी के बाद जो नियम-कायदे बने, उसमें किसानों को बिचौलियों के हाथों में छोड़ दिया गया था।
6. हमारे श्रमिकों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए, रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए श्रमिक सुधार भी किए जा रहे हैं। जिन गैर-रणनीतिक क्षेत्र में निजी सेक्टर को इजाजत ही नहीं थी, उन्हें भी खोला गया है।
7. सरकार जिस दिशा में बढ़ रही है, उससे हमारे माइनिंग सेक्टर, एनर्जी सेक्टर, या रिसर्च और टेक्नोलॉजी, हर क्षेत्र में इंडस्ट्री और युवा के लिए नए अवसर खुलेंगे।
8. इस समय नए सिरे से मंथन चल रहा है। ऐसे समय में भारत से दुनिया की अपेक्षा और बढ़ी है। आज दुनिया का भारत पर विश्वास भी बढ़ा है और नई आशा का संचार भी हुआ है। आज पूरे विश्व में भारत के प्रति जो विश्वास पैदा हुआ है, उसका आप सभी को पूरा फायदा उठाना चाहिए।
9. 'गेटिंग ग्रोथ बैक' इतना मुश्किल भी नहीं है। अब आपके पास, भारतीय इंडस्ट्री के पास, एक साफ रास्ता है, आत्मनिर्भर भारत का रास्ता। देश को आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प लें।
10. आत्मनिर्भर भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ पूरी तरह एकीकृत भी होगा और सहायक भी। हमें अब एक ऐसी मजबूत स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण में निवेश करना है, जो वैश्विक सप्लाई चेन में भारत की हिस्सेदारी को मजबूत करे।
11. देश में ऐसे उत्पाद बनें जो 'मेड इन इंडिया' हों, 'मेड फॉर वर्ल्ड' हो। हमें तमाम सेक्टर्स में उत्पादन बढ़ाने के लिए अपने टार्गेट तय करने होंगे। मैं बहुत गर्व से कहूंगा कि सिर्फ तीन महीने के भीतर ही पीपीई की सैकड़ों करोड़ की इंडस्ट्री आपने ही खड़ी की है।
12. ग्रामीण अर्थव्यवस्था में निवेश और किसानों के साथ साझेदारी का रास्ता खुलने का भी पूरा लाभ उठाएं। अब तो गांव के पास ही लोकल एग्रो प्रोडक्ट्स के क्लस्टर्स के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। इसमें सीआईआई के तमाम मेंबर्स के लिए बहुत अवसर हैं।
13. हमारी सरकार प्राइवेट सेक्टर को देश की विकास यात्रा का साझेदार मानती है। आत्मनिर्भर भारत अभियान से जुड़ी आपकी हर आवश्यकता का ध्यान रखा जाएगा। आपसे, सभी स्टेकहोल्डर्स से मैं लगातार संवाद करता हूं और ये सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।
14. देश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लें। इस संकल्प को पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दें। सरकार आपके साथ खड़ी है, आप देश के लक्ष्यों के साथ खड़े हो जाएं।