नारी डेस्क: पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम को आम भाषा में PCOS भी कहा जाता है। पिछले कुछ सालों में लड़कियां और महिलाएं इससे बहुत ज्यादा प्रभावित हुई हैं। इसकी वजह से महिलाओं को स्वास्थ्य से जुड़ी कई सारी समस्याएं होने लगती हैं। इस स्थिति में महिलाओं को अनियमित पीरियड,ओवेरियन सिस्ट, इनफर्टिलिटी और शरीर के विभिन्न हिस्सों पर बाल आने जैसी कई समस्याएं होती हैं। जो प्रेगनेंसी को प्रभावित करते हैं।पीसीओडी का शारीरिक के साथ साथ मानसिक प्रभाव भी पड़ता है।यह समस्या आमतौर पर महिलाओं में हॉर्मोनल असंतुलन के कारण उत्पन्न होती है।इस परेशानी से राहत पाने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। एक्सपर्ट की मानें तो पीसीओएस पीड़ितों को कार्बोहाइड्रेट और चीनी का सेवन कम करना चाहिए। पीसीओएस की समस्या होने पर क्या खाएं? किन चीजों से करें बचाव? इन सवालों के बारे में हम आपको विस्तार से जानकारी देगें।
PCOS के लक्षण
1.पीरियड्स न आना या फिर अनियमित होना
2.ओवरी में कई सिस्ट होना
3.शरीर पर अधिक बाल होना
4.वजन बढ़ना
5.बालों का बहुत अधिक झड़ना
6.मोटापा
7.एक्ने की समस्या होना
8.त्वचा का काला पड़ना। खासतौर पर गर्दन, बगल, पैरों के बीच और स्तनों के नीचे
पीसीओएस में महिलाएं क्या खाएं
पीसीओडी के इलाज में सबसे ज्यादा जरूरी है संतुलित डाइट। आपके आहार में शुगर और कार्ब्स की मात्रा कम होनी चाहिए और फाइबर और प्रोटीन की मात्रा अधिक होनी चाहिए।
1.फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ
फल और सब्जियां (जैसे ब्रोकोली, गाजर, बेरीज़)
साबुत अनाज (जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, क्विनोआ)
2.प्रोटीन
दालें और बीन्स
नट्स और बीज
चीकन, मछली, और अंडे
3. स्वस्थ वसा
एवोकाडो
जैतून का तेल
ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ (जैसे फैटी मछलियां)
4. दूध और डेयरी
कम वसा वाले डेयरी उत्पाद, जैसे दही और पनीर, पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ये उत्पाद प्रोटीन का अच्छा स्रोत होते हैं और इनमें कैल्शियम की मात्रा भी पर्याप्त होती है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
5. ग्लासेमिक इंडेक्स कम वाले खाद्य पदार्थ
ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) वह माप है जो बताता है कि कोई खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा के स्तर को कितनी तेजी से बढ़ाता है। सफेद ब्रेड और पास्ता जैसे उच्च GI वाले खाद्य पदार्थों के बजाय, साबुत अनाज का सेवन करना अधिक फायदेमंद होता है। साबुत अनाज जैसे ओट्स, क्विनोआ, और ब्राउन राइस, धीमी गति से पचते हैं, जिससे रक्त शर्करा के स्तर में अचानक वृद्धि नहीं होती। यह इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे पीसीओएस और अन्य मेटाबॉलिक समस्याओं का प्रबंधन आसान होता है। इसके अतिरिक्त, साबुत अनाज फाइबर, विटामिन, और मिनरल्स से भरपूर होते हैं, जो संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।
क्या नहीं खाना चाहिए
शक्कर और प्रोसेस्ड फूड
मीठे स्नैक्स, बिस्कुट, और सॉफ्ट ड्रिंक्स
फास्ट फूड और प्रोसेस्ड स्नैक्स
2.उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ सफेद ब्रेड, सफेद चावल, और साधारण पास्ता
3.हाइड्रोजनीटेड फैट ट्रांस फैट युक्त खाद्य पदार्थ (जैसे कुछ बेकरी उत्पाद)
4.ज्यादा कैफीन और शराब कॉफी, चाय, और शराब का सेवन सीमित करें।
जीवनशैली में बदलाव
1. नियमित एक्सरसाइज करेंयोगा, तैराकी या जॉगिंग जैसी गतिविधियां।
2. तनाव प्रबंधन: ध्यान या प्राणायाम का अभ्यास करें।
3. पर्याप्त नींद लें: 7-8 घंटे की नींद जरूरी है।
पीसीओएस के लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए सही आहार बहुत महत्वपूर्ण है। अपनी डायट को संतुलित और स्वस्थ रखें, और हमेशा एक डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ से सलाह लें।
इस जानकारी को ध्यान में रखकर आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकती हैं।