इन दिनों शिव भक्तों का प्रिय महीना सावन चल रहा है। सावन के पावन महीने में भगवान शिव की कृपा पाने के लिए भक्त इस महीने में पूरी श्रद्धा भाव से शिवजी की पूजा करते हैं। वैसे तो ज्यादातर शिव भक्त सिर्फ शिवजी के दो पुत्रों के बारे में ही विस्तार से जानते हैं लेकिन भगवान शिव की एक बेटी भी थी जिसका नाम था अशोक सुंदरी। अशोक सुंदरी कौन थी आज आपको इसके बारे में बताएंगे। तो चलिए जानते हैं....
मां पार्वती ने रखी थी बगीचा देखने की इच्छा
पद्म पुराण में अशोक सुंदरी की कहानी बताई गई है। एक बार मां पार्वती ने भगवान शिवजी से दुनिया का सबसे खूबसूरत बगीच देखने के लिए कहा था। मां पार्वती की इच्छा पूरी करने के लिए शिवजी उन्हें नंदनवन में ले गए। वहां पर जाकर मां पार्वती को एक कल्प नाम के पेड़ से लगाव हो गया है। यह पेड़ मनोकामना पूरी करना माना जाता है।
ऐसे हुआ था अशोक सुंदरी का जन्म
पार्वती मां अपना अकेलापन दूर करना चाहती थी। इसके लिए उन्होंने उस वृक्ष से अकेलापन दूर करने के लिए एक बेटी मांगी। इस तरह कल्पवृक्ष से अशोक सुंदरी का जन्म हुआ था।
कैसे करें अशोक सुंदरी की पूजा?
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय जहां से जल नीचे की ओर बहता है उसी जगह को अशोक सुंदरी के नाम से जाना जाता हैं। सोमवार का दिन अशोक सुंदरी की पूजा के लिए शुभ माना जाता है। सुबह स्नान करके शिव, पार्वती और शिवलिंग की स्थापना करें। फिर इसके बाद घी का दीपक जलाएं और पुष्प अर्पित करें। शिवलिंग पर अशोक सुंदरी के स्थान पर फूल, फल अर्पित जरुर करें।
जरुर अर्पित करें बेलपत्र
मां की पूजा में भी बेलपत्र चढ़ाएं। मान्यताओं के अनुसार, अशोक सुंदरी की पूजा करने से धन और व्यापार से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं।
नोट: ऊपर दी गई जानकारी सिर्फ मान्यताओं पर आधारित है।