बहुत से लोगों को लगता है कि वह बिलकुल सादा और पौष्टिक आहार खाते हैं फिर भी उन्होंने सेहत संबंधी कोई ना कोई दिक्कत रहती है लेकिन ऐसा होने के पीछे की वजह आपका खान-पान की कुछ गडबड़ियां हो सकती है क्योंकि कई बार हम चीजों का सेवन संतुलित मात्रा में नहीं कर पातें। उन्हीं में से एक आयोडीन तत्व जो शरीर के लिए बहुत जरूरी है। इसी तत्व की बदौलत थाइरॉयड फंक्शन नियमित होता है, वहीं यह तत्व अगर शरीर में कम हो जाए तो मानसिक व कई शारीरिक दिक्कतें आने लगती हैं। इसकी कमी के चलते दुनिया में प्रति वर्ष लाखों बच्चे सीखने की कमज़ोर क्षमता के साथ पैदा होते है क्योंकि उनकी मांओं ने प्रैग्नेंसी टाइम भोजन में आयोडीन की पर्याप्त मात्रा नहीं ली होती।
आयोडीन की मदद से गर्दन के पास पाई जाने वाली – थायरॉयड ग्रंथि – विकास के लिए जरूरी हार्मोन पैदा करती है लेकिन जब कमी होती है तो यह हार्मोंन गड़बड़ा जाते हैं जिससे विकास रुक जाता है।
. जिससे थाइरायड हो सकता है
. इम्यून सिस्टम खराब हो सकता है।
. बच्चे की हाइट व मानसिक विकास रुक सकता है।
. हार्ट संबंधी बीमारियां हो सकती हैं
. डिप्रैशन, बांझपन और गर्भपात का खतरा जैसी समस्याएं हो सकती है।
चलिए आपको बताते हैं अगर शरीर में आयोडीन कमी है तो कैसे लक्षण दिखेंगे...
शरीर में कमजोरी आना,
वजन बढ़ना,
थकान महसूस होना,
ठण्ड लगना,
त्वचा रुखी और बालों का झड़ना
हार्ट बीट धीमी होना,
याद्दाश्त कमजोर
गले में सूजन,
मासिक धर्म अनियमित होना,
प्रेग्नेंसी दौरान समस्याएं
अधिक नींद आना.... इसके संकेत हैं।
आयोडीन की कमी का पता लगाने का टेस्ट
यूरिन या ब्लड टेस्ट से आयोडीन की कमी का पता लगाया जा सकता है। वहीं आयोडीन पैच टेस्ट के जरिए भी इसका पता लगाया जाता है।
आयोडीन की कमी दूर करने वाली डाइट
आलू, दूध, अंडा, दही, केला और स्ट्रॉबेरी को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। इसके अलावा मछली, मेवे, डेयरी उत्पाद में भी प्रचूर आयोडीन होता है। अगर फिर भी आहारों से इसकी कमी पूरी नहीं हो पा रही तो डॉक्टर की सलाह से आप सप्लिमेंट ले सकते हैं। नमक भी इसका एक तरीका है लेकिन वह नमक आयोडीन युक्त होना जरूरी है।