विश्वकर्मा महोत्सव प्रतिवर्ष सितंबर के महीने में मनाया जाता है। यह त्योहार कन्या संक्रांति में मनाया जाता है, जब सूर्य सिंह राशि को छोड़कर कन्या राशि में प्रवेश करता है। इस वर्ष, विश्वकर्मा जयंती 5 नवंबर को मनाई जाएगी। विश्वकर्मा जयंती, जिसे विश्वकर्मा पूजा के नाम से भी जाना जाता है एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। यह 'विश्व के निर्माता' भगवान विश्वकर्मा के सम्मान में मनाया जाता है। वहीं, इस पर्व पर लोग कारखानों, मशीनों और औजारों की पूजा करते हैं और उसे इस्तेमाल भी नहीं करते। मगर, क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है।
यह त्योहार असम, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा और त्रिपुरा जैसे राज्यों में व्यापक रूप से मनाया जाता है। चलिए आपको बताते हैं इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें...
कौन है भगवान विश्वकर्मा?
ऋग्वेद में विश्वकर्मा जी को दिव्य वास्तुकार को बहुआयामी दृष्टि और सर्वोच्च शक्ति वाले भगवान के रूप में वर्णित किया गया है। भगवान ब्रह्मा के पुत्र विश्वकर्मा को पूरे ब्रह्मांड के प्रमुख वास्तुकार यानि दुनिया के पहले इंजीनियर के रूप में भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा ऐसे देवता हैं जो हर समय सृष्टि के देवता रहे हैं। सारे संसार में सृजनात्मक सभी चीजें, जो जीवन की ओर ले जाती हैं, भगवान विश्वकर्मा की देन हैं। भगवान विश्वकर्मा की पूजा करके कृतज्ञता व्यक्त की जाती है।
भगवान कृष्ण की द्वारका के निर्माता भी
हिंदू किंवदंतियों के अनुसार, विश्वकर्मा जी ने भगवान कृष्ण के शासन में स्वर्ण नगरी द्वारका का निर्माण किया था। द्वारका के अलावा, उन्होंने पांडवों के लिए इंद्रप्रस्थ का महल भी बनवाया और कई दिव्य हथियारों और देवताओं के उड़ने वाले रथों के निर्माता भी थे। भगवान इंद्र के वज्र से लेकर भगवान कृष्ण के सुदर्शन चक्र तक, भगवान विश्वकर्मा ने ही ऐसे कई शक्तिशाली हथियारों को डिजाइन किया था। भगवान विश्वकर्मा को बढ़ई, सुनार, लोहार, राजमिस्त्री और उन सभी लोगों का देवता माना जाता है जो शिल्प में कुशल हैं।
क्यों नहीं की जाती मशीनों और औजारों की पूजा?
इस दिन भक्त अपने कारखाने, कंपनी, दुकान, कार्यालय आदि में मूर्ति स्थापित करते हैं या भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर लगाते है। जो लोग विश्वकर्मा पूजा करते हैं वे औजारों के प्रयोग से परहेज करते हैं। वे अपने औजारों और मशीनों की पूजा करते हैं। इसके अलावा वे भगवान विश्वकर्मा से बेहतर भविष्य और अपने-अपने क्षेत्रों में सफलता के लिए प्रार्थना करते हैं।
विश्वकर्मा पर्व पर इन बातों का रखें ध्यान
. कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा राहुकाल में नहीं करनी चाहिए।
. कारखानों और औजारों की पूजा करने से पहले उनकी सफाई करें।
. भूलकर भी इस दिन मांस और मदिरा का सेवन ना करें।
. विश्वकर्मा पूजा के बार किसी निर्धन, जरूरतमंद व्यक्ति को दान जरूर दें।
. इस पावन दिन पर ब्राह्मणों को भोजन करवाना भी शुभ माना जाता है।