लय में वापसी करने वाली पहलवान साक्षी मलिक ने अपने निडर और आक्रामक खेल के दम पर यूडब्ल्यूडब्ल्यू रैंकिंग सीरीज स्पर्धा में लगभग स्वर्ण पदक हासिल किया। यह पांच वर्षों में उनका पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक है। रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी के अलावा यहां भारत की मानसी (57 किग्रा) और दिव्या काकरान (68 किग्रा) ने भी पहला स्थान हासिल किया।
राष्ट्रमंडल खेलों के लिए हाल ही में हुए ट्रायल से पहले संघर्ष कर रही साक्षी ने इस स्पर्धा से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार वापसी की। साक्षी ने कजाकिस्तान की इरिना कुजनेत्सोवा के खिलाफ तकनीकी श्रेष्ठता से जीत के साथ शुरुआत की और उसके बाद उज्बेकिस्तान की रुशाना अब्दिरासुलोवा पर 9-3 की बड़ी जीत दर्ज की। इसके बाद मंगोलिया की तसेरेनचिमेड सुखी ने सेमीफाइनल मैच से अपना नाम वापस ले लिया। साक्षी ने फाइनल में कुजनेत्सोवा को 7-4 से शिकस्त देते हुए दिन में दूसरी बार घरेलू पहलवान को हराया।
साक्षी ने आखिरी बार 2017 राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता था। उन्होंने 2020 और 2022 में एशियाई चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक जीते थे। मानसी (57 किग्रा) ने भी स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने कजाकिस्तान की एम्मा टिसिना के खिलाफ अपना अंतिम मुकाबला 3-0 से जीता। दिव्या ने अपने दो मुकाबले प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी को ‘चित’ करके जीता। उन्होंने मंगोलिया की डेलगर्मा एनखसाइखान और कजाकिस्तान की अल्बिना कैरगेल्डिनोवा को हराने के बाद 68 किग्रा वर्ग के अंतिम मुकाबले में मंगोलिया की बोलोर्टुंगलग जोरिगट से 10-14 से हार गयी।