हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। माघ महीने की अमावस्या में मनाए जाने वाला यह त्योहार शिव भक्तों के लिए काफी खास होता है। इस दौरान भारत के अलग-अलग मंदिरों में भोलेनाथ के भक्त महाकाल का अभिषेक, पूजा-पाठ करते नजर आते हैं। ऐसे में यदि आप भी इस बार महाशिवरात्रि पर त्रिनेत्रधारी भोलेनाथ के दर्शन करने के बारे में सोच रहे हैं तो भारत के इन मंदिरों में जा सकते हैं। इन मंदिरों में शिवरात्रि का पर्व बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। आइए जानते हैं इनके बारे में...
उमानंद मंदिर
यह मंदिर असम राज्य के गुवाहटी में स्थित है। यहां पर महाशिवरात्रि का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह मंदिर ब्रह्मापुत्र नदी के मोर द्वीप पर बना हुआ है। महाशिवरात्रि के पर्व पर लाखों भक्त यहां पर आयोजित होने वाले उत्सव को देखने के लिए गुवाहटी आते हैं।
भवनात तलेती
यह मंदिर गुजरात के जूनागढ़ इलाके में स्थित है। महाशिवरात्री में यहां पर बहुत बड़ा मेला लगता है जिसे देखने श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं। यह मेला शिवरात्रि से 5 दिन पहले शुरु होता है और शिवरात्रि वाले दिन खत्म होता है।
सोमनाथ मंदिर
यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योर्तिंलिगों में से एक है। महाशिवरात्रि के खास त्योहार के दौरान इस मंदिर को एलईडी लाइटों और फूलों के साथ सजाया जाता है। साथ ही इस दिन लोगों को लाइव दर्शन और शिव पूजा भी देखने को मिलती है। इस मंदिर में पूजारी भगवान शिव का दूध, शहद, चीनी, घी, दही और पानी के साथ अभिषेक करते हैं।
नीलकंठ महादेव मंदिर
हरिद्वार सिर्फ घाटों ही नहीं बल्कि नीलकंठ जैसे मशहूर मंदिर के नाम से भी प्रचलित हैं। यहां का नीलकंठ मंदिर महादेव भक्तों को अति प्रिय है। महाशिवरात्रि के दौरान लोग भारी संख्या में मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं।
ईशा योग केंद्र
इसकी स्थापना भारतीय युवा और लेखक सद्गुरु ने की थी। सद्गुरु ने भगवान शिव की 112 फीट स्टील की मूर्ति स्थापित की है जो स्टील से बनी हुई है। यह प्रतिमा कोयम्बटूर में स्थित है। महाशिवरात्रि पर यहां पर एक खास उत्सव मनाया जाता है। जिसमें नृत्य, संगीत और ध्यान के साथ लोग सद्गुरु के साथ भजन गाकर रात का आनंद लेते हैं।
महाकालेश्वर मंदिर
मध्यप्रदेश के महाकालेश्वर मंदिर में भी महाशिवरात्रि का उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। शिप्रा नदी के तट पर त्योहार को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि दुशाना नाम के एक राक्षस ने मध्यप्रदेश के अवंति में रहने वाले लोगों के साथ अत्याचार किया था और इस दौरान भगवान शिव जमीन से प्रकट हुए थे इसके बाद भगवान शिव ने राक्षस को पीटा था और यहां के लोगों की इच्छा के अनुसार शिवजी ने यहां पर महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग की रुप में एक स्थायी घर ले लिया था।
भूतनाथ मंदिर
हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के एक छोटा सा शहर है लेकिन यहां पर भी महाशिवरात्रि का त्योहार बहुत ही धूमधूाम से मनाया जाता है। यहां पर महाशिवरात्रि का उत्सव बहुत ही उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि लगभग 5वीं सदी से पहले मंडी के एक शाही परिवार ने महाशिवरात्रि के मेले का आयोजन का आयोजन शुरु किया था। तब से हफ्ताभर पहले महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है।