हम अपनी जिंदगी में बहुत से लोगों से मिलते हैं कोई हमें अच्छी सीख दे जाते हैं, कोई हमारे अच्छे दोस्त बन जाते हैं तो कोई हमें दुख दे जाते हैं। इसी का नाम तो जिंदगी है। दुनिया में अलग-अलग रंग होते हैं उसी तरीके से दुनिया में अलग-अलग सोच के लोग भी होते हैं। कईं बार सामने वाले के साथ हमारी सोच मिलती नहीं है और कईं बार हमें उनकी बातें भी पसंद नहीं आती है लेकिन इसका अर्थ यह तो नहीं कि हम उनकी बातें सोचते रहें।
अकसर ऐसा देखा जाता है कि जब भी हमारा किसी के साथ झगड़ा होता है तो हम उस समय तो यही कहते हैं कि हमें कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन असल में ऐसे शख्स ही बाद में लोगों की बातें सोचते रहते हैं कि उसने ऐसा कहा तो क्यों कहा? जरा सोचिए क्या आपके ऐसा सोचने पर उस शख्स को कोई फर्क पड़ता है? नहीं ना? इससे हमारी ही सेहत पर असर पड़ता है तो क्यों न हम लोगों की बातें भूलना सीखें और खुद की जिंदगी थोड़ी आसान बना लें।
1. बातों को दिल में न रखें
हम उन्हीं बातों को बार-बार सोचते हैं जो हमारे दिल में होती है। अगर आपको किसी की बात पसंद नहीं आई है तो आप सामने वाले शख्स से बिना देरी किए वो बात करें और अगर वह आपकी बात सुनने को तैयार नहीं है तो आप पीछे हट जाएं।
2. मजाक में ले लीजिए कुछ बातें
कुछ लोग बहुत नाजुक होते हैं यानि वो छोटी छोटी बात पर इमोशनल हो जाते हैं या फिर उन्हें हर एक बात का जल्दी ही बुरा लग जाता है लेकिन अगर आप अपनी जिंदगी आसान बनाना चाहते हैं या फिर रिश्तों को बचाए रखना चाहते हैं तो कुछ बातों को मजाक में लें। देखिए आप ऐसा ट्राई करेंगे तो आपकी जिंदगी कितनी आसान हो जाएगी।
3. खुद पर ही असर करेगी यह आदत
अगर आप एक ही बात को सोचते रहेंगे तो इससे किसी को नहीं बल्कि आपकी सेहत पर इसका असर होगा। आप स्ट्रेस में चले जाएंगे , उदास रहने लगेंगे लेकिन जिसकी बात आप सोच रहेंगे उसे शायद इस बात का अंदाजा भी नहीं होगा। इसलिए कहीं न कहीं आपकी यह आदत आप पर ही भारी पड़ सकती है।
4. खुद को बनाएं स्ट्रांग
कुछ लोग तो लोगों की बातों को जरा भी दिल से नहीं लगाते हैं लेकिन कुछ बातें छोड़ते नहीं हैं। अगर आप छोटी-छोटी बात को लेकर इमोशनल हो जाते हैं तो ऐसा करना छोड़ दीजिए क्योंकि कोई आपको एक बार समझाएगा, 2 बार समझाएगा लेकिन अंत में वो आपको आपके ही हाल में छोड़ में देंगे।
5. कईं बार बिना सॉरी ही कर दीजिए माफ
जिंदगी भी तभी आसान होगी जब आपके पास दोस्त होंगे, अपने होंगे लेकिन अगर आप अपनों की ही छोटी छोटी बातें पकड़ते रहेंगे तो कैसे बात बनेगी? यह भी माना कि कईं बार सामने वाले से गलती होती है या फिर आप उस चीज पर ओवर रिएक्ट कर देते हैं लेकिन ऐसे में कभी आप भी शुरूआत कर लीजिए। जरूरी नहीं हर बार सामने वाला ही आपसे माफी मांगने आए बल्कि आपको भी कईं बार दूसरों को मना लेना चाहिए।
6. 'लोगों का काम है कहना' अपना लें यह फंडा
बिदांस जिंदगी जीनी है तो एक मंत्र जिंदगी में याद रखिए कि लोगों का काम बातें करना ही है। आप चाहे अच्छा कीजिए या फिर बुरा लेकिन लोगों को आपके बारे में बाते ही करना है इसलिए इस बारे में ज्यादा न सोचे।