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सिर्फ एक दिन ही रहते हैं Periods तो इसे अनदेखा ना करें, लापरवाही देगी नुकसान

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 07 Jul, 2025 08:47 PM
सिर्फ एक दिन ही रहते हैं Periods तो इसे अनदेखा ना करें, लापरवाही देगी नुकसान

नारी डेस्कः अगर किसी महिला को एक ही दिन के लिए पीरियड्स (Periods) आते हैं और फिर रुक जाते हैं तो यह एक असामान्य स्थिति मानी जाती है, खासकर तब जब यह बार-बार लगातार हर महीने हो रहा हो। इसे "हाइपोमेनोरिया" (Hypomenorrhea) भी कहा जाता है, यानी जब मासिक स्राव बहुत कम या बहुत कम दिनों के लिए होता है। यह स्थिति कई कारणों से हो सकती है और इसका सबसे बड़ा कारण हार्मोनल असंतुलन और अनहैल्दी लाइफस्टाइल है। चलिए इसके बारे में विस्तार से बताते हैं। 

सिर्फ एक दिन ही पीरियड्स आने के कारण (Irregular Periods Causes)
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1. हार्मोनल असंतुलन

एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की मात्रा गड़बड़ा जाने से पीरियड्स असामान्य हो सकते हैं। थायरॉइड या प्रोलैक्टिन हार्मोन की गड़बड़ी भी इसका कारण बन सकती है जिसके चलते पीरियड्स एक दिन ही रहते हैं। 

2. खून की कमी

अगर शरीर में खून की कमी है तो भी खुलकर पीरियड्स नहीं आएंगे। खून की कमी होने से ये समस्या आम है, अगर एनीमिया के चलते ऐसा हो रहा है तो आय़रन भरपूर चीजें खाना शुरू कर दें। 

3. तनाव और चिंता (Stress)

मानसिक तनाव शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ाता है, जो मासिक धर्म के चक्र को प्रभावित करता है। अगर आप बहुत ज्यादा स्ट्रेस में रहते हैं तो भी पीरियड्स साइकिल खराब हो जाता है। 
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4.  वजन कम होना

शरीर में फैट की कमी से हार्मोन बनना रुक जाता है, जिससे पीरियड्स या तो नहीं आते या बहुत कम आते हैं।

5. गर्भनिरोधक गोलियां या पिल्स

कुछ महिलाएं पिल्स लेने के बाद सिर्फ स्पॉटिंग करती हैं या 1 दिन ही ब्लीडिंग होती है।

6. प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था)

कभी-कभी शुरुआती गर्भावस्था में हल्की 1 दिन की ब्लीडिंग होती है, जिसे महिलाएं पीरियड समझ लेती हैं।
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7. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)

PCOS में पीरियड्स अनियमित होते हैं,  कभी देर से आते हैं, कभी बहुत कम होते हैं।

8. यूटराइन लाइनिंग का पतला होना (Thin Endometrium)

अगर गर्भाशय की परत (Endometrium) पतली है, तो ब्लीडिंग भी बहुत हल्की और कम समय की होगी।

9. मेनोपॉज़ की शुरुआत या प्री-मेनोंपॉज़ (Age factor)

40 की उम्र के बाद या मेनोपॉज़ से पहले हार्मोन धीरे-धीरे घटने लगते हैं, जिससे पीरियड्स कम हो सकते हैं।

10. गर्भाशय या अंडाशय से संबंधित बीमारियां

फाइब्रॉइड, एंडोमेट्रियोसिस, या अन्य यूटेराइन समस्याएं भी कारण हो सकती हैं। अगर सिस्ट्स की समस्या है तो भी पीरियड्स या तो कम हो जाएंगे या फिर ज्यादा आएंगे। 

खुल कर पीरियड्स लाने के लिए क्या करें ?(Treatment & Prevention Tips)

1. हॉर्मोनल टेस्ट करवाएंः डॉक्टर से परामर्श लेकर थायरॉइड, प्रोलैक्टिन, FSH, LH, और एस्ट्रोजन टेस्ट करवाएं।

2. संतुलित आहार लेंः आयरन, विटामिन B12, कैल्शियम और हेल्दी फैट्स से भरपूर खाना लें। दूध, हरी सब्जियां, फल, नट्स, दालें आदि रोज खाएं।

3. तनाव कम करेंः योग, ध्यान, गहरी सांसें लेने की आदत डालें। मानसिक शांति से हार्मोन बैलेंस होते हैं।

 4. वजन कंट्रोल में रखेंः बहुत ज्यादा वजन घटाने या बढ़ाने से बचें। BMI को संतुलित बनाए रखें।

 5. फिजिकल एक्टिविटी करेंः रोज 30-40 मिनट वॉक, योग या हल्का व्यायाम करें।

 6. स्लीप पैटर्न ठीक रखेंः रोजाना 7-8 घंटे की नींद हार्मोन को बैलेंस करने में मदद करती है।

7. गर्भनिरोधक पिल्सः दवाइयों का सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करें। किसी भी प्रकार की पिल बिना परामर्श के न लें।

8. प्रेगनेंसी टेस्टः अगर प्रेग्नेंसी की संभावना हो, तो टेस्ट करें। कई बार स्पॉटिंग के कारण महिलाएं भ्रमित हो जाती हैं, जबकि वह गर्भावस्था का संकेत हो सकता है।

कब डॉक्टर से मिलना चाहिए?

यदि एक दिन के पीरियड्स लगातार 2–3 महीने से हो रहे हैं।
बहुत अधिक थकावट, कमजोरी या चक्कर आते हैं।
वजन तेजी से घट रहा है या बढ़ रहा है।
चेहरे पर बाल, मुंहासे या पीरियड्स के साथ दर्द हो रहा है तो तुरंत गायनेकोलॉजिस्ट से मिलें।

नोट: एक दिन के पीरियड्स कभी-कभी सामान्य हो सकते हैं, लेकिन अगर यह बार-बार हो रहा है, तो यह किसी हार्मोनल या स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। समय पर जांच, संतुलित जीवनशैली और चिकित्सकीय मार्गदर्शन से इसे पूरी तरह सुधारा जा सकता है।


 

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