नदी के पास से निकलते लोग अचानक एक लड़की को डूबता देख घबरा गए। वह उसे बचाने के लिए नदी की तरफ जा ही रहे थे कि उन्हे समझ आ गया कि यह कोई इंसान नहीं बल्कि एक संदेश है, जिसे एक कलाकार दुनिया तक पहुंचाना चाहता है। इस कलाकार ने जलवायु परिवर्तन की समस्या की तरफ ध्यान केंद्रित करने के लिए हूबहू मानवीय आकार जैसी प्रतिमा बनाई है।
इस मूर्ति को मैक्सिको के आर्टिस्ट (Mexican hyperrealist artist) रूबेन ऑरोज़्को ने बनाया है। स्पेन के बिलबाओ में नर्वियॉन नदी के बीचोंबीच इस मूर्ति को लगाया गया। नदी के पास से गुजरे लोगों को एक लड़की नदी से आसमान को देखती हुई नजर आई। भूरे बालों वाली इस लड़की की आंखों में एक दर्द था।
कभी तो उसका चेहरा पानी में डूब जाता था तो कभी नदी पानी के सतह पर तैरता था। ऑरोज़्को ने 120 किलो वजनी प्रतिमा का नाम Bihar रखा है। वहां की स्थानीय भाषा में 'Bihar' का अर्थ 'आने वाला कल' होता है। मूर्ति को बनाने के लिए 264 पाउंड फाइबरग्लास का इस्तेमाल किया गया है।
पानी में डूबती उतराती लड़की की मूर्ति के ज़रिये लोगों को बताया जा रहा है कि उनके कार्यों से हम डूब सकते हैं, इसलिए हमें तैरते रहने दिया जाए। बताया जा रहा है जैसे-जैसे नदी में ज्वार आता गया, यह चेहरा पानी में समाता गया और ज्वार उतरने के साथ ही बाहर भी निकल आया।