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वर्ल्ड चैंपियनशिप फाइनल में पहुंची पहली भारतीय महिला, पहलवान बेटी ने कर दिखाया कमाल

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 07 Oct, 2021 04:38 PM
वर्ल्ड चैंपियनशिप फाइनल में पहुंची पहली भारतीय महिला, पहलवान बेटी ने कर दिखाया कमाल

एक और भारत की बेटी ने देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। इस बेटी का नाम है अंशु मलिक। 19 साल की अंशु  विश्व चैम्पियनशिप फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रच दिया है। इससे पहले भारत की चार महिला पहलवानों ने विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीता है लेकिन सभी को कांस्य मिला है ।

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अंशु ने शुरू ही से सेमीफाइनल में दबदबा बनाये रखा और तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर जीत दर्ज करके 57 किलो वर्ग के फाइनल में पहुंच गई । इससे पहले  गीता फोगाट ने 2012 में, बबीता फोगाट ने 2012 में , पूजा ढांडा ने 2018 और विनेश फोगाट ने 2019 में कांसे का तमगा जीता था । अंशु विश्व चैम्पियनशिप फाइनल में पहुंचने वाली तीसरी भारतीय है । उनसे पहले सुशील कुमार (2010) और बजरंग पूनिया (2018) यह कमाल कर चुके हैं । इनमें से सुशील ही स्वर्ण जीत सके हैं।

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अंशु ने एकतरफा मुकाबले में कजाखस्तान की निलुफर रेमोवा को तकनीकी दक्षता के आधार पर हराया और फिर क्वार्टर फाइनल में मंगोलिया की देवाचिमेग एर्खेमबायर को 5-1 से शिकस्त दी थी । अंशु ने 11 साल की उम्र में अपने भाई के साथ कुश्ती शुरू कर दी थी। उनके पिता भारतीय जूनियर रेसलिंग टीम का हिस्सा थे वहीं चाचा पवन साउत एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।

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फाइनल में एंट्री मिलने के बाद अंशु ने कहा कि जो ओलिंपिक में कमी रह गई थी वह यहां पर पूरी हो गई। ओलिंपिक में जो प्रदर्शन देने का सोचा था वह वहां नहीं दे पाई। उसके बाद मैं चोटिल हो गई। मेरी कोहनी में चोट लग गई। पिछले एक महीने मैंने इस चैंपियनशिप के लिए कैसे निकाला है उसे बता नहीं सकती। इतने दर्द में मैंने ट्रेनिंग की है उसे बयां नहीं कर सकती।उन्होंने कहा कि  हर बाउट में यही सोचकर लड़ी की आज नहीं तो कभी नहीं। यानी आखिरी बाउट समझकर।'
 

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