भारत आज अपनी आजादी के पूरे 75 साल मना रहा है। देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद करवाने के लिए कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान दी थी। इसलिए 15 अगस्त को यह खास दिन उन स्वतंत्रता सेनानियों की याद में मनाया जाता है। इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें जिनके बारे में आप भी नहीं जानते होंगे। चलिए जानते हैं आजादी के दिन तथ्य...
. आजादी के लिए देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आंदोलन का नेतृत्व किया था। लेकिन 15 अगस्त के दिन जब भारत को आजादी मिली तो इस जश्न में महात्मा गांधी शामिल नहीं थे।
. आजादी के जश्न वाले दिन महात्मा गांधी बंगाल में हो रहे हिंदू और मुसलमानों के सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए अनशन कर रहे थे।
. महात्मा गांधी को जब पंडित जवाहरलाल नेहरु और सरदार वल्लभ भाई पटेल ने न्यौता दिया था तो महात्मा गांधी ने इस बात का जवाब देते हुए कहा कि - 'जब कलकत्ता में हिंदू-मुस्लिम एक-दूसरे की जान ले रहे हैं तो मैं जश्न में कैसे शामिल हो सकता हूं? मैं दंगा रोकने के लिए अपना जान भी दे दूंगा।'
. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु ने ऐतिहासिक भाषण 'ट्रिस्ट विद डेस्टिनी' को पूरी दुनिया ने इस दिन मध्य रात्रि को सुना था, लेकिन महात्मा गांधी उस दिन 9 बजे ही सोने के लिए चले गए थे।
. हर साल प्रधानमंत्री 15 अगस्त के दिन लाल किले में झंडा फहराते हैं, परंतु साल 1947 में ऐसा कुछ नहीं हुआ। पंडित जवाहरलाल नेहरु ने 16 अगस्त के दिन झंडा फहराया था।
. भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा का निर्धारण भी 15 अगस्त को नहीं बल्कि 17 अगस्त के दिन हुआ था।
. देश आजाद होने के बाद कोई भी राष्ट्रगान नहीं था। जन-गण-मन को 1950 में भारत के राष्ट्रगान के रुप में स्वीकार किया गया था।
. भारत के अलावा साउथ कोरिया, ब्रिटेन और फ्रांस भी 15 अगस्त के दिन ही स्वतंत्र हुआ था।
. 15 अगस्त के दिन ही आजादी सेनानी महर्षि अरबिंदो घोष का जन्म हुआ था।
. सन् 1950 में 15 अगस्त के दिन असम में भीषण भूकंप आया था। इस भूकंप में करीबन 15,00 से 3,000 लोगों की मौत हुई थी।