20 APRSATURDAY2024 11:46:21 AM
Nari

एक तरफ कान्स दूसरी तरफ जंतर- मंतर, इन दोनों तस्वीरों में इतना फर्क क्यों?

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 30 May, 2023 10:47 AM
एक तरफ कान्स दूसरी तरफ जंतर- मंतर, इन दोनों तस्वीरों में इतना फर्क क्यों?

इन दिनों भारत अलग ही स्थिति से गुजर रहा है। एक तरफ कान्स फिल्म फेस्टिवल में जानी- मानी महिलाएं हमारे देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ देश का गौरव कही जाने वाली महिला पहलवानों को सड़कों पर घसीटा जा रहा है। जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का सीना गर्व से चौड़ा किया है उनके साथ इस तरह का व्यवहार क्या सही है? 

PunjabKesari

भारतीय महिलाओं ने खुद को किया साबित

कान्स फिल्म फेस्टिवल में का हिस्सा बनकर हर बार भारतीय महिलाएं यह साबित करती हैं कि अपने सपनों को हासिल करने के लिए वह किसी भी तरह के बाधाओं को तोड़ सकती है। उनकी इस सोच का सम्मान भी किया जाता है, लेकिन  महिला पहलवानों पर क्यों सवाल उठाए जा रहे हैं। जब वह देश के लिए मेडल लेकर आती थी तब तो उन्हें पलकों पर उठाया जाता था, उन पर गर्व किया जाता है। आज वह बोझ क्यों बन रही हैं। 

PunjabKesari

खिलाड़ियों के साथ क्यों हो रहा है ऐसा सलूक? 

हाल ही में जंतर- मंतर से आई एक तस्वीर ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि देश के लिए मेडल लाने वाली महिलाओं के साथ अगर इस तरह का व्यवहार हो रहा है तो आम लड़कियों की आवाज कौन सुनेगा। यहां पैदा हुए इस तरह के हालातों का ही नतीजा है कि दिल्ली एक लड़की को दिनदहाड़े मौत के घाट उतार दिया गया। इस देश का कानून ही ऐसा है जुर्म करने वाला आजाद है और आवाज उठाने वाले को हिरासत में ले लिया जाता है। 

PunjabKesari

आम महिलाओं का भविष्य संकट में 

खिलाड़ियों के साथ इस तरह के सलूक को देखकर अपने अधिकारों के लिए लड़ने वाली आम महिलाओं का भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है।दरअसल, महिला पहलवानों से यौन शोषण के आरोपी बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर एक महीने से ज्यादा समय पहलवान जंतर-मंतर पर धरना दे रहे थे। पहलवानों ने जंतर-मंतर से नई संसद की ओर मार्च के साथ महापंचायत का ऐलान किया था, जिसके बाद उनके साथ ये बर्ताब किया गया। 

PunjabKesari

क्यों दबाई जा रही है आवाज

दिल्ली पुलिस ने पहलवानों समेत 109 लोगों पर FIR दर्ज की है। इन पर दंगा फैलाने, सरकारी काम में बाधा डालने जैसे आरोप हैं। इन धाराओं में 7 साल तक कारावास का प्रावधान है। इन पर तो केस हो गया, पर उस शख्स का क्या जिस पर यौन शोषण के आरोप लगाए जा रहे हैं। उसे गिरफ्तार करने तो क्या उन्हें तो गुनहेगार मानने से भी इंकार कर दिया गया है। अगर यही सब चलता रहा तो आगे चलकर जुर्म तो बढ़ेंगे लेकिन आवाज उठाने वाला कोई नहीं बचेगा। 
 

Related News