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भारत में कहर मचाने वाला कोरोना का 'ट्रिपल म्‍यूटेशन स्‍ट्रेन' से पूरी दुनिया को खतरा- WHO

  • Edited By Anu Malhotra,
  • Updated: 11 May, 2021 01:31 PM
भारत में कहर मचाने वाला कोरोना का 'ट्रिपल म्‍यूटेशन स्‍ट्रेन'  से पूरी दुनिया को खतरा- WHO

भारत में इस साल आई कोरोना वायरस की दूसरी लहर जिस तरह भयावह होती जा रही है वह केवल देश के लिए ही नहीं ब्लकि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (डब्‍ल्‍यूएचओ) के लिए भी चिंता का कारण बन गई है। दरअसल, देश के कुछ हिस्‍सों में 'ट्रिपल म्‍यूटेशन स्‍ट्रेन' की रिपोर्ट सामने आ रही है। ऐसा माना जा रहा है कि भारत के लिए अगली चुनौती साबित हो सकता है। 

इस वजह से तेज हुई दूसरी लहर

आपकों बतां दें कि म्‍यूटेशन उस समय होता है, जब‍ वायरस अपना स्‍वरूप बदलता है. उसका जितनी तेजी से म्‍यूटेशन होगा, वह उतनी ही तेजी से फैलता है। भारत में डबल म्यूटेशन वाले वायरस के मामलों में ऐसा हो चुका है। कोरोना वायरस के डबल म्यूटेशन का पता पहली बार पिछले साल 5 अक्टूबर को वायरस के जीनोम सीक्वेंस से लगा था। जानकारों के कहना है कि इसी वजह से कोरोना की दूसरी लहर तेज हुई है।
 

भारत में  B-1.617 वैरिएंट की भी हुई पहचान

पिछले साल आई पहली लहर की तुलना में  कोरोना की दूसरी लहर ना सिर्फ संक्रामक है बल्कि बुजुर्गों के साथ युवाओं को भी चपेट में ले रहा है। वहीं, इन सबके बीच B-1617 वैरिएंट की भी पहचान हुई जिसे भारत में पाया गया और उस वैरिएंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने घातक श्रेणी में डाला है।
 

WHO की कोविड-19 टेक्किनकल लीड डॉ. मारिया वान केरोखोव का कहना है कि बी.1.167 वायरस शोध का विषय है। उनका कहना है कि ईपीआई टीम और डब्ल्यूएचओ टीम इस वायरस के विषय में लगातार जानकारी जुटा रही है। इस वायरस के संबंध में देश और दुनिया के अलग-अलग देशों में शोध जारी है और उन शोधों पर हमारी नजर बनी हुई है।


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WHO ने कहा है कि B.1.617 वैरिएंट की वंशावली का दिसंबर के आख़िर में भारत में पहली बार पता चला था जबकि इसका एक शुरुआती रूप अक्तूबर 2020 में पाया गया था। यह वैरिएंट कई देशों में फैल चुका है और इसी वजह से कई देशों ने भारत से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है।
 

बेहद खतरनार बी- 1617 वैरिएंट
डॉ. मारिया वान के अनुसार, हमारे वायरस इवोल्यूशन वर्किंग ग्रुप और हमारी एपी टीमों और हमारी लैब टीमों के साथ आंतरिक रूप से परामर्श करके, बी -1617 की बढ़ी हुई संप्रेषणता का सुझाव देने के लिए कुछ उपलब्ध जानकारी है, जैसा कि हम इसे वैश्विक स्तर पर चिंता का एक प्रकार के रूप में वर्गीकृत कर रहे हैं। कुछ प्रारंभिक अध्ययनों से प्रदर्शित होने वाली संक्रामकता बढ़ गई हो हमें इस वंश में इस वायरस के प्रकार के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, इसलिए हमें और अधिक लक्षित अनुक्रमण करने की आवश्यकता है, भारत और अन्य जगहों पर साझा किया जाना चाहिए ताकि हम पता है कि यह वायरस कितना फैल रहा है 
 

इसके अलावा, वेन केरखोव ने कहा कि इस वैरिएंट को लेकर अधिक जानकारी मंगलवार से उपलब्ध हो पाएगी। वहीं, WHO के प्रमुख टेड्रोस एधनोम गेब्रेयासिस ने कहा है कि WHO फ़ाउंडेशन ‘टूगेदर फ़ॉर इंडिया’ अभियान शुरू कर रहा है जिसका मक़सद भारत में ऑक्सीजन, दवाइयां, स्वास्थ्यकर्मियों के लिए प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट ख़रीदने के लिए फ़ंड इकट्ठा करना है।
 

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