कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। वहीं एक्सपर्ट का कहना है कि इस साल अक्टूबर महीनें तक तीसरी लहर के आने की भी संभावना है। उधर दूसरी तरफ, वैज्ञानिकों के अनुसार अभी तक यह दावा किया जा रहा था कि खांसने-छींकने से हवा में फैला यह वायरस आंख, नाक, मुंह के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रवेश करता है। जिस वजह से यह संक्रमण पूरी दुनिया में फैला हुआ है।
वहीं अब एक और चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि घरों के टॉयलेट पाइप के माध्यम से भी कोरोना वायरस अन्य लोगों तक फैल सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, फ्लश करने से वायरस निकल कर हवा में मिल जाता है।
सार्वजनिक शौचालयों के इस्तेमाल से संक्रमण का ज्यादा खतरा-
हरवर्ड यूनिवर्सिटी के टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में हेल्दी बिल्डिंग प्रोग्राम के डायरेक्टर जोसफ जी एलन का कहना हैं कि जैसे ही हम फ्लश करते हैं तो प्रति क्यूबिक मीटर हवा में 10 लाख कण मिल जाते हैं। इनमें सभी में तो वायरस नहीं होता लेकिन सार्वजनिक शौचालयों में जो लोग बाद में इसका उपयोग करते हैं, उन पर इसका खतरा बना रह सकता है। यानी कोरोना संक्रमित के टॉयलेट उपयोग करने से अन्य पर भी संक्रमण का खतरा होगा।
हांगकांग में प्लंबिंग सिस्टम के जरिए फैला था वायरस
वहीं अब इस बीच एक सवाल उठ रहा है कि अगर सोसायटी की बिल्डिंग के एक फ्लैट के टॉयलेट से दूसरे टॉयलेट तक भी क्या कोरोना वायरस फैल सकता है। इसके लिए हांगकांग की एक बिल्डिंग का उदाहरण दिया गया है। इसके तहत वैज्ञानिकों को लगता है कि यहां की बिल्डिंग में वायरस का संचार प्लंबिंग सिस्टम के जरिए हुआ था।
दरअसल, 2003 में हांगकांग में हुए अमॉय गार्डन सार्स प्रकोप की घटना सामने है। इसके 50 मंजिला इमारत अमॉय गार्डन में सार्स महामारी फैलने से इस बिल्डिंग के 342 लोग बीमार हुए और 42 की मौत हो गई। वैज्ञानिकों के मुताबिक इस बिल्डिंग में वायरस का संचार प्लंबिंग सिस्टम के जरिए हुआ था। ऐसे में यह भी आशंका जताई जा रही हैं कि Toilet Pipe के जरिए भी यह संक्रमण औऱ ज्यादा फैल सकता है।