
नारी डेस्क: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के एक सुदूर पहाड़ी गांव में वीरवार को बादल फटने से सीआईएसएफ के दो जवानों समेत कम से कम 38 लोगों की मौत हो गयी, जबकि कई अन्य के अब भी फंसे होने की आशंका है। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है और अब तक 120 लोगों को बचा लिया गया है जिनमें 38 की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्होंने बताया कि मृतकों में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के दो जवान भी शामिल हैं।

अधिकारियों ने बताया कि बड़े पैमाने पर राहत एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है जिसमें राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), पुलिस, सेना और स्थानीय स्वयंसेवक सहयोग कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि मचैल माता मंदिर जाने वाले रास्ते के चशोती गांव में यह आपदा अपराह्न 12 बजे से एक बजे के बीच आई। हादसे के समय मचैल माता यात्रा के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। साढ़े नौ हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित मचैल माता मंदिर तक जाने के लिए श्रद्धालु चशोती गांव तक ही मोटर वाहन से पहुंच सकते हैं, उसके बाद उन्हें 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है।

चशोती गांव किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर है। यहां श्रद्धालुओं के लिए लगाया गया एक लंगर (सामुदायिक रसोईघर) इस घटना से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ। बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आ गई और दुकानों एवं एक सुरक्षा चौकी सहित कई इमारतें बह गईं। अधिकारियों ने बताया कि पहाड़ी की तलहटी में बसी घनी बस्ती में अचानक आई बाढ़ ने कई घरों को प्रभावित किया है। असैन्य, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) अधिकारियों को बचाव एवं राहत अभियान को और तेज करने तथा प्रभावितों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए।