अक्सर माता- पिता को इस बात की चिंता लगी रहती है कि उनके बच्चे ठीक से खाना नहीं खाते। अगर उन्हें प्रयाप्त पोषण नहीं मिलेगा तो उनके अच्छे से विकास कैसे मिलेगा। बहुत सी माएं दिन-रात बच्चों के पीछे खाना लेकर घुमती रहती हैं, कई बार तो जबरदस्ती करके बच्चे के मुंह में खान डाल दिया जाता है, इससे वह और भी ज्यादा चिढ़ जाते हैं। अगर आपके बच्चे भी खाने को लेकर नखरे करते हैं तो पहले जानिए इसके कारण, इसके बाद ढूंढे इसका इलाज।
इस कारण खाने से भागते हैं बच्चे
डॉक्टरों का कहना है कि पहले साल में बच्चे तेजी से बढ़ते हैं, लेकिन उसके बाद उनका विकास धीमा हो जाता है और वे कम खाने लगते हैं। इस पीरियड में भूख में कमी आना नॉर्मल होता है। कई बार गले में खराश, डायरिया, सिरदर्द, बुखार हाेने के कारण भी बच्चे का खाना खाने का मन नहीं करता। हालांकि कुछ समय बाद बच्चे की डाइट अच्छी हो जाती है।
कब्ज के कारण भी होती है परेशानी
कुछ दवाओं जैसे एंटीबायोटिक्स लेने से भी भूख प्रभावित हो सकती है। साथ ही कब्ज होने पर भी बच्चे को पेट फूल जाता है एसे में उन्हें खाने की इच्छा नहीं होती है। दांत निकलने के समय मसूड़ों के आसपास इर्रिटेशन, खुजली, दर्द होने से भी बच्चा खाना नहीं चाहता. उसे खीझ, चिड़चिड़पन महसूस होता है।
बच्चे को डांटने- मारने की बजाय इस तरीके से खिलाएं खाना
ना पूरी करें डिमांड
हर बार बच्चे की डिमांड पर खाना ना बनाएं। इससे बच्चे की आदत बिगड़ेगी और वह कुछ भी नई चीज खाना नहीं सीख पाएगा।
टाइम टेबल करें सेट
कोशिश करें कि बच्चे को रोजाना एक ही समय पर खाना परोसें। इससे ये उसकी हैबिट में आ जाएगा और खाने को देखते ही उसे भूख लग जाएगी।
फोन और टीवी को करें दूर
खाने के समने बच्चे को फोन और टीवी को दूर कर दें। उसे सिर्फ खाने पर ही फोकस करने दें। इससे वे अगर कम भी खाएंगे तो भी उनके शरीर को लगेगा।
ना करें जबरदस्ती
आप बच्चे को खाना खाने के लिए जबरदस्ती न करें। ऐसा करने से वह खाने से पूरी तरह मन चुरा सकता है।
खाने को एन्जॉय करने दें
बच्चे को हर रोज कुछ कलरफुल और अलग-अलग शेप में फूड आइटम्स सर्व करे। इससे वह खाने को एन्जॉय करेंगे।
खाने की जगह न दें दूध
अक्सर देखा जाता है कि जब बच्चा खाना नहीं खाता तो उसका पेट भरने के लिए दूध दे दिया जाता है। बच्चा भी आसानी से इसे पी जाता है, दूध को भोजन के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। दूध बच्चे को पोषक तत्व जैसे कि कैल्शियम व प्रोटीन आदि प्रदान तो करता है पर इससे बच्चे की भूख कम हो जाती है और वह खाने से बचने लगते हैं। इसलिए कोशिश करें कि खाने की जगह खाना और दूध की जगह दूध ही पिलाएं।