हिंदू धर्म में सूर्य पूजा का विशेष महत्व है और दिवाली के बाद मनाया जाने वाले इस पर्व में विधि- विधान से सूर्य देव की पूजा की जाती है और संतान के लंबे उम्र की कामना की जाती है। छठ पूजा बिहार में प्रमुख रूप से मनाया जाता है। 4 दिन के इस पर्व में शुरुआत नहाय खाय से होती है। 17 नवंबर से शुरु हो रहे इस पर्व में सूर्य देव की पूजा करने के बाद खाना खाया जाता है। इसमें चावल, दाल और लौकी की सब्जी खाई जाती है। नहाय खाय के दिन पूजा करने से व्रती के सुख और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। वहीं नहाय खाय के दिन के कुथ नियम भी होते हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, वरना व्रत का फल नहीं मिलता है। आइए आपको बताते हैं इनके बारे में...
नहाय खाय के दिन रखें इन बातों का ख्याल
- नहाय खाय के दिन पवित्र नदी में स्नान करें। अगर हो सके तो गंगाजल युक्त पानी से स्नान कर खुद को शुद्ध करें।
- नहाय खाय वाले दिन नए कपड़े पहनें। व्रती लाल, भूरे या पीले रंग की साड़ी पहन सकते हैं।
- इस दिन व्रती को अपने बाल अवश्य धोने चाहिए। इसके लिए व्रती मुल्तानी मिट्टी शैम्पू का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- व्रती को दिन में सिर्फ एक बार खाना खाना चाहिए। इसके अलावा चाय या कॉफी सीमित मात्रा में पिएं।
- साफ चूल्हे में ही खाना बनाकर खाएं। मिट्टी के चूल्हे पर खाना पकाना शुभ होता है। खाने में चावल, मूंग या चने की दाल और कद्दू की सब्जी का सेवन करें।
नहीं करें ये काम
- इस दिन झूठ न बोलें और न ही किसी से कोई अशब्द कहें। ऐसा करने से व्रत का फल नहीं मिलेगा।
- इस दिन लहसुन, प्याज या मांस का सेवन ना करें।
- व्रती को काली रंग की साड़ी नहीं पहननी चाहिए। किसी भी शुभ काम में काले रंग का कपड़ा नहीं पहनना चाहिए।