इस वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के प्रारंभ में सूर्य ग्रहण लगा था। जबकि इसका सूतक काल अमावस्या तिथि को ही लग चुका था। तो वहीं शुक्ल पक्ष में ही चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है, जो कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगेगा। इस बार कार्तिक मास के एक ही पक्ष में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण का संयोग बना है। इसे धार्मिक दृष्टिकोण से शुभ संकेत नहीं कहा जा सकता। इसके कई अशुभ संकेत हैं, जो हमारे लिए कष्टदाई हो सकते हैं। चंद्रग्रहण इस बार कार्तिक पूर्णिमा के 8 नवंबर को है। कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली भी मनाई जाती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन कार्तिक का महीना समाप्त हो जाता है। इस दिन गंगा तट पर लाखों लोग गंगा स्नान करने के लिए पहुंचते हैं। इस बार चंद्र ग्रहण लगने के कारणवश एक दिन पहले ही गंगा किनारे लाखों लोगगों की भीड़ स्नान करने के लिए आएगी और सभी देव दिपावली मनाएंगे। कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण शाम को 6.20 मोक्ष होगा और ग्रहण का सूतक काल सुबह सुबह 08:10 बजे आरंभ हो जाएगा।
चंद्र ग्रहण 2022 समय
08 नवंबर, दिन मंगलवार, समय: शाम 05:32 बजे से शाम 06:18 बजे तक।
पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा 08 नवंबर को शाम 04:31 बजे तक तक है।
कार्तिक शुक्ल पक्ष में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि में सूर्य ग्रहण लग रहा है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लग रहा है। ऐसे में ये दोनों ही ग्रहण शुक्ल पक्ष में लग रहे हैं। खंड सूर्य ग्रहण भारत में ग्रस्तास्त सूर्य ग्रहण के रूप में दृश्य होगा। 08 नवंबर को खग्रास चंद्र ग्रहण भारत में ग्रस्तोदित के रूप में दिखाई देगा।
एक पक्ष में दो ग्रहण के अशुभ संकेत
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार एक पक्ष में दे ग्रहण होना अशुभ घटनाओं का सूचक होता है। इस पर एक कहावत भी है- 'एक पक्ष दो गहना (ग्रहण), राजा मरे कि सेना (प्रजा)'। ऐसा कहा जाता है कि धार्मिक कार्यों और मंत्र सिद्धि के लिए तो ये समय उत्तम हैं। लेकिन, पृथ्वीवासियों के लिए ये समय कतई शुभ नहीं हैं। इसका दुष्प्रभाव युद्ध, महामारी, प्राकृतिक आपदा, दैवीय आपदा आदि के रूप में देखने को मिल सकता है।
सूर्य ग्रहण का प्रारंभ दोपहर 02:29 बजे से होगा। ग्रह का मध्य काल 04:30 बजे होगा और मोक्ष शाम 06:52 बजे होगा। भारत में सूर्यास्त के कारण सूर्य ग्रहण का मोक्ष दृश्य नहीं हो पाएगा। ग्रहण का ग्रासमान 0.861 होगा।