नारी डेस्क : मां 9 महीने तक अपने बच्चे को पेट में रखती है, उस 9 महीने के लंबे सफर में मां के मन में हज़ारों-लाखों सवाल पनपते हैं खासकर उस मां के जिसका First baby हो। नवजात बच्चे के प्रति सावधानी बेहद ज़रूरी होती है। पहले बच्चे की जो खुशी होती है वो खुशी मां-बाप के लिए सबसे बढ़कर होती है पर साथ ही मन में डर भी होता है कि बच्चे की देखभाल कैसे करें, बच्चे को क्या खिलाएं-पिलाएं और पहनाएं क्योंकि बच्चे का शरीर बहुत ही नाज़ुक होता है। चलिए, आपको New Born की केयर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण टिप्स शेयर करते हैं, जिसे आप आसानी से फाॅलो कर सकती हैं।
ब्रेस्टफीडिंग का ध्यान रखें
न्यू बोर्न बेबी के लिए ब्रेस्टफीडिंग बहुत ही ज़रूरी है। अगर आप हेल्दी खाना खाएंगी तो बच्चे को उतना ही फायदा होगा क्योंकि बच्चे की ग्रोथ के लिए सबसे ज़रूरी है मां का दूध। ज़्यादा से ज़्यादा आप घर का खाना ही खाएं। हर 2 से 3 घंटे पर बच्चे को अपना दूध जरूर पिलाती रहें जिससे बच्चे की ग्रोथ में कोई रुकावट न हो। रात के समय भी बच्चे को दूध पिलाना न भूलें।
ज़्यादा कपड़े न पहनाएं
माएं अक्सर अपने बच्चे को ज़्यादा कपड़े पहनाकर रखती है क्योंकि वे अपने बच्चे को लेकर सावधान रहती हैं। उन्हें डर रहता है कि उनके बेबी पर सर्दी, गर्मी या बदलते मौसम का प्रभाव न पड़े पर ऐसा करके वे गलत कर रही हैं। हालांकि बच्चे को ढक कर ही रखना चाहिए पर ज़यादा कपड़े नहीं पहनाने चाहिए। बच्चे को आरामदायक ढीले कपड़े ही पहनाने चाहिए। ऐसे में जरूरत से ज्यादा कपड़े पहनाने से उन्हें फीवर आने की संभावना बनी रहती है क्योंकि बच्चों के शरीर से काफी ज्यादा हीट निकलती है।
नाल (umbilical cord) का ज़रूर रखें ध्यान
नवजात शीशु के शरीर में नाल लगी होती है। जिसे सूखने में थोड़ा समय लगता है। ऐसे में आप बच्चे को नहलाने का लिए कॉटन के कपड़े को पानी में भिगोकर शरीर को साफ कर सकती हैं। नाल उतरने से पहले बच्चे को नहलाना नहीं चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बच्चे की मालिश जन्म के करीब चार हफ्ते बाद ही शुरू करें।
दूध पिलाने के बाद बच्चों को डकार ज़रूर दिलाएं
दूध पिलाने के बाद बच्चे के पेट में हवा भर जाती है। ऐसे में बच्चे को दूध पिलाने के बाद डकार ज़रूर दिलाएं। यदी बच्चा डकार न ले तो उल्टी कर देता है। दूध पिलाने के बाद बेबी की पीठ सहलाएं जिससे वे जल्दी डकार ले।
नहलाते वक्त बातों का ध्यान रखें
नवजात बच्चे को हफ्ते में 2-3 बार से ज्यादा न नहलायें। बेबी की स्किन बहुत ही सॉफ्ट होती है। ज़्यादा साबुन और शैंपू का इस्तेमाल न करें। ऐसे में उसकी त्वचा को नुकसान हो सकता है। बच्चे को नहलाने के लिए हल्के गर्म पानी का ही प्रयोग करें। बेबी का डायपर हमेशा सूखी जगह पर रखें।
बच्चे की केयर करना तो बहुत ही ज़रूरी है पर अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है। इसलिए किसी भी बात की टेंशन न लें। अपना और बच्चे दोनों का ध्यान रखें।