थायराइड गले में होने वाली एक समस्या है। यह गर्दन के नीचे श्वास नली के ऊपर की ओर तितली आकार में बनी होती है। यह ग्रंथी शरीर को बीमारियों से बचाने का काम करती है। मगर इस ग्रंथी का सही तरीके से काम न करने से गले के अंदरूनी भाग में सूजन होने लगती है। इसके बिगड़ने का कारण शरीर में आयोडीन की कमी और हार्मोनल असंतुलन होता है। शुरूआत में इस समस्या का ज्यादा पता नहीं चलता है। मगर परेशानी बढ़ने पर गले में सूजन के रूप में यह साफ दिखाई देने लगता है। यह हाइपरथायराइज्मि और हाइपोथायरायडिज्म दो तरह का होता है। ऐसे में अपनी डाइट में कुछ सुपर फूड को शामिल कर इसे कंट्रोल किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं उन चीजों के बारे में...
एवोकाडो
विटामिन्स, मिनरल्स से भरपूर एवोकाडो का सेवन करने से शरीर का ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। ऐसे में थायरॉयड ग्रंथि को बेहतर तरीके काम करने के लिए हार्मोन्स को संतुलित रखने में शक्ति मिलती है। ऐसे में एवोकाडो को अपनी डेली डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।
ब्राजील नट्स
ब्राजील नट्स में विटामिन, फाइबर, आयरन, एंटी- ऑक्सीडेंट तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। इसमें सेलेनियम अधिक मात्रा में होने से थायराइड हार्मोन के लेवल में सुधार आता है। ऐसे में रोजाना 2-4 चार ब्राजील नट्स का सेवन करने से शरीर को सेलेनियम सही मात्रा में मिलता है। एक रिसर्च के अनुसार, थायराइड की समस्या से जुझ रहे लोगों को इसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। बात इसके टेस्ट की करें तो यह खाने में टेस्टी व कुरकुरा होता है।
हरी- पत्तेदार सब्जियां
रोजाना हरी- सब्जियों का सेवन करने से इम्यूनिटी बढ़ने में मदद मिलती है। साथ ही एंटी- ऑक्सीडेंट, एंटी- वायरल गुणों से भरपूर होने से यह शरीर में अंदरूनी सूजन को कम करती है। साथ ही इनके सेवन से बीमारियों के लगने का खतरा कम होता है।
अंडा
प्रोटीन से भरपूर अंडा का सेवन करने शरीर को सभी उचित तत्व आसानी से मिल जाते हैं। इसमें 15 प्रतिशत आयोडिन और 20 प्रतिशत सेलेनियन होता है। ऐसे में थायराइड ग्रंथी को सुचारू रूप से काम करने की मदद मिलती है। साथ ही थायराइड की परेशानी को बढ़ने से रोकता है।
मछली
थायराइड के मरीजों को मछली का सेवन करना फायदेमंद होता है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड अधिक मात्रा में होने से शारीरिक व मानसिक रूप से विकास होता है। इसके सेवन के से शरीर के अंदरूनी हिस्सों में सूजन की समस्या दूर हो इम्यूनिटी बढ़ती है। सेलेनियम तत्व अधिक होने से थायराइड के साथ दिल से संबंधित रोगों के होने का खतरा कम रहता है।