अफगानिस्तान की दुर्दशा आज पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। अफगान से अमेरिकी सेना के वापिस लौटते ही तालिबानियों ने अपना कब्जा जमा लिया है और अपना शासन लागू कर दिया है। तालिबान प्रवक्ता ने साफ शब्दों में कह दिया है कि अब अफगान में लोकतंत्र नहीं ब्लकि शरिया कानून से सत्ता चलेगी। जिस वजह से वहां के लोग खासकर महिलाएं खुद की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित है।
महिलाओं में ज्यादा डर इस बात का है कि वह अब पहले की तरह आजाद पंछी की तरह जीवन नहीं जी पाएंगी। घरों में बंद होकर और बुर्का पहन कर अपनी सारी जिदंगी एक पिंजरे में बंद पंछी की तरह गुजारनी होगी, जिस वजह से केवल अफगानिस्तान ही नहीं ब्लकि दुनिया के कई देश इस पर सवाल उठा रहे हैं।
तालिबानियों की नज़र पड़ने से पहले कैसा था अफगान?
आज पूरी दुनिया अफगानिस्तान को तरस भरी निगाहों से देख रही है लेकिन वहीं आपको ये जानकर हैरानी होगी कि अफगानिस्तान हमेशा से ऐसा नहीं था। 1970 से पहले ये देश भी बाकी देशों की तरह फैशन, रोजगार और करियर के मामले में काफी आगे था। आईए आपकों बताते हैं कि तालिबानियों की नज़र पड़ने से पहले अफगान कैसा था?
अफगान में अब तक 6 हिस्सों में चली हैं सत्ता
अफगान में अब तक 6 हिस्सों में सत्ता चली हैं। जिसमें से पहला है 1919 से 1978 तक, दूसरा 1978 से 1989 तक, तीसरा 1989 से 1996 तक, चौथा 1996 से 2001 तक, पांचवां 2001 से 2021 तक औऱ 6वां फिर से तालिबान का शासनकाल।
औरतें चाहें तो पर्दा करें, चाहे तो न करें अपने हिसाब से ड्रैस पहनती थी
साल 1919 से 1978 तक अफगान के अपने शासक में ही चली जो आज के समय में बिल्कुल अलग थी। उस समय अफगानिस्तान में शासन अमीर अमानुल्लाह खान का था। उन्होंने अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए नया ड्रेस कोड लगाया था, जिसमें औरतों को यह आजादी थी कि वो चाहें तो पर्दा करें, चाहे तो न करें और अपने मन मुताबिक कपड़ा पहन सकती हैं। उस समय मानुल्लाह खान कहते थे कि 'धर्म में ये जरूरी नहीं है कि औरतें अपने हाथ, पैर और चेहरा ढंकें'
वोट देने से लेकर नौकरी कर खुद पैसा कमाती थीं अफगानी महिलाएं
UK की एक रिपोर्ट्स का दावा है कि 1919 में अफगान महिलाओं को वोट देने का अधिकार था। 1940 से 1950 के बीच अफगान महिलाएं नर्स, डॉक्टर और टीचर्स भी थी। साल 1959 से 1965 आते-आते अफगानी महिलाएं सिविल सर्विसेज में, स्पोर्ट्स में खुलकर हिस्सा लेती थी।
जज बनने से लेकर अपनी पसंद से शादी करने का था अधिकार
UK की एक NGO की रिपोर्ट्स का दावा है कि 1923 में औरतों को अपनी पसंद से शादी करने का भी कानूनी अधिकार था। इसके बाद 1965 में दो महिला सीनेटर चुन गई थीं और 1966 से 71 में अफगानी अदालतों में 14 महिलाएं जज पहुंच गई थीं। और फैशन की चर्चा होने लगी थी।
स्टाइल और फैशन में भी आगे थी अफगानी महिलाएं
वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार, 60 के दशक में 8% अफगान महिलाएं बाहर जाकर स्वतंत्र होकर नौकरी कर खुद पैसे कमाती थीं, उनकी स्टाइल और फैशन हमेशा चर्चा में रहता था। रिपोर्ट के अनुसार, 1971 में अफगान महिलाएं पब्लिक ट्रांसपोर्ट से यात्रा के लिए स्वतंत्र थी।
महिलाएं एयर हॉस्टेस की लेती थी ट्रेनिंग
1970 के शुरुआती महीनों में कुछ अफगानी महिलाएं एयर हॉस्टेस बनने की ट्रेनिंग भी लिया करती थी जिसमें अफगानी महिलाओं का एलिगेंट फैशन दिखता था। इतना ही नहीं 1960 के दशक में अफगानी महिलाएं खुलकर बाजार जाती थी और शॉपिंग करती थीं।
1978 के दौर में हुआ महिलाओं की आजादी का अंत
लेकिन फिर 1978 के दौर में महिलाओं की इन खुशहाल भरी आजादी की जिंदगी का अंत हो गया। इस दौरान अमेरिका और सोवियत यूनियन के सपोर्ट से अफगान क्रांति हो गई, तो दूसरी ओर अमेरिका ने गुप्त ऑपरेशन शुरू किया। इसके बाद अफगानिस्तान में कट्टर इस्लामिक विचारधारा वाले मुजाहिदीन पैदा हो गए और इस्लामिक कानून को मनवाने का और महिलाओं की आजादी को खत्म करने का शासन शुरू हो गया।