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National Award: अजय देवगन ने तीसरी बार अवॉर्ड किया अपने नाम, अपर्णा बनी बेस्ट एक्ट्रेस

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 23 Jul, 2022 10:38 AM
National Award: अजय देवगन ने तीसरी बार अवॉर्ड किया अपने नाम, अपर्णा बनी बेस्ट एक्ट्रेस

बॉलीवुड के जाने- माने स्टार अजय देवगन ने तीसरी बार नेशनल फिल्म अवॉर्ड अपने नाम कर लिया है। 2020 के लिए घोषित 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में तमिल भाषा की “सोरारई पोटरु” ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता व सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम कर लिया। वही अजय देवगन की मुख्य भूमिका वाली “तान्हाजी : द अनसंग वारियर” ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय मनोरंजक फिल्म का पुरस्कार जीता।


 फिल्म सोरारई पोट्टरू का दिखा जलवा


ओम राउत द्वारा निर्देशित “तान्हाजी...” छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना के सेनापति तानाजी मालुसारे के जीवन पर आधारित है। 17वीं शताब्दी पर आधारित फिल्म के लिये नचिकेत बर्वे और महेश शेरला ने सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिजाइनर का पुरस्कार भी जीता। देवगन ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार सूर्या के साथ साझा किया। सूर्या को “सोरारई पोटरु” के लिए यह पुरस्कार दिया गया। फिल्म एयर डेक्कन के संस्थापक कैप्टन जी आर गोपीनाथ के जीवन से प्रेरित है। इसी फिल्म के लिए अपर्णा बालामुरली ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता।

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अजय देवगन ने जताई खुशी

अजय देवगन ने नेशनल फिल्म अवॉर्ड जीतने पर खुशी जताते हुए कहा- "तानाजी के लिए बेस्ट एक्टर का नेशनल फिल्म अवॉर्ड जीतकर मैं बेहद उत्साहित हूं, जिसे मैंने सूर्या के साथ जीता उन्हें सोरारई पोतरू के लिए पुरस्कार मिला। मैं सभी का धन्यवाद करता हूं, सबसे ज्यादा मेरी क्रिएटिव टीम, दर्शकों और मेरे फैन्स का। मैं अपने माता-पिता और उनके लिए आशीर्वाद के लिए सर्वशक्तिमान के प्रति भी आभार व्यक्त करता हूं। सभी  विजेताओं को बधाई"। 


अभिनेता देवगन पहले भी अवॉर्ड कर चुके हैं अपने नाम

बॉलीवुड अभिनेता देवगन को पूर्व में “जख्म” (1998) और “द लीजेंड ऑफ भगत सिंह” (2002) में उनकी दमदार भूमिका के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। अभिनेता ने कहा कि वह तीसरी बार यह पुरस्कार मिलने से बेहद प्रसन्न हैं। “तान्हाजी” से निर्देशन में कदम रखने वाले राउत ने एक बयान में कहा, ‘‘एक फिल्म किसी एक व्यक्ति नहीं बल्कि इसकी पूरी टीम के प्रयासों का नतीजा होती है। यह पुरस्कार उस प्रत्येक व्यक्ति के लिए है, जिसने तान्हाजी के लिए काम किया। मुझे खुशी है कि हमारी फिल्म को व्यावसायिक सफलता और सराहना मिली।’’

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जी वी प्रकाश कुमार ने भी जीता पुरस्कार 

“सोरारई पोटारू” के लिए शालिनी उषा नायर व निर्देशक सुधा कोंगारा ने सर्वश्रेष्ठ पटकथा तथा जी वी प्रकाश कुमार ने सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक (बैकग्राउंड स्कोर) का पुरस्कार जीता। दिवंगत मलयालम फिल्मकार सच्चिदानंदन केआर को “ए के अयप्पनम कोशियम” के लिये मरणोपरांत सर्वश्रेष्ठ निर्देशक घोषित किया गया। फिल्म के लिये बीजू मेनन ने सर्वश्रेष्ठ सह कलाकार का पुरस्कार जीता। इसी फिल्म को सर्वश्रेष्ठ एक्शन निर्देशन (स्टंट कोरियोग्राफी) का भी पुरस्कार दिया गया। “ए के अयप्पनम कोशियम” के लिए ननचम्मा को सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका का पुरस्कार दिया गया।


राहुल देशपांडे को सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक का पुरस्कार 

मराठी फिल्म “मी वसंतराव” के लिये राहुल देशपांडे को सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक का पुरस्कार दिया गया। तमिल फिल्म “शिवरंजनियम इन्नम सिला पेंगाल्लम” के लिये तमिल कलाकार लक्ष्मी प्रिया चंद्रमौली को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया। इसी फिल्म के लिए श्रीकर प्रसाद को सर्वश्रेष्ठ संपादन का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया। सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का पुरस्कार मृदुल तुलसीदास द्वारा निर्देशित ‘तुलसीदास जूनियर’ को दिया गया। आशुतोष गोवारिकर के बैनर तले बनी इस फिल्म में दिवंगत कलाकार राजीव कपूर आखिरी बार पर्दे पर दिखे। इस फिल्म के लिये बाल कलाकार वरुण बुद्धदेव को ‘स्पेशल जूरी मेंशन’ पुरस्कार दिया गया।

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 विशाल भारद्वाज ने भी जीता पुरस्कार 

संगीत श्रेणी में, थमन एस ने अल्लू अर्जुन की तेलुगु हिट “अला वैकुंठपुरमुलु” के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन (गीत) का पुरस्कार जीता, जबकि हिंदी फिल्म “साइना” के लिए मनोज मुंतशिर को सर्वश्रेष्ठ गीतकार का पुरस्कार दिया गया। निर्देशक-संगीतकार विशाल भारद्वाज ने फिल्मकार विनोद कापड़ी की फिल्म ‘‘1232 किलोमीटर’’ के गीत ‘‘मरेंगे तो वहीं जाकर’’ के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन का पुरस्कार जीता। ‘‘1232 किलोमीटर’’ एक वृत्तचित्र है जोकि लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों के पलायन के बारे में है। कापड़ी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि भारद्वाज और अनुभवी गीतकार गुलजार ‘‘फिल्म की आत्मा’’ हैं। राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए 10 सदस्यीय जूरी की अध्यक्षता हिंदी फिल्मकार विपुल शाह ने की। जूरी के सदस्य धरम गुलाटी ने पुरस्कारों की घोषणा की।


 

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