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क्या आपने भी कर रखा है बच्चे को जरूरत से ज्यादा बिजी?

  • Updated: 14 Dec, 2016 02:56 PM
क्या आपने भी कर रखा है बच्चे को जरूरत से ज्यादा बिजी?

पेरेंटिंग: सभी माता-पिता का सपना होता है कि उनका बच्चा सबसे बुद्धिमान हो, पढ़ने-लिखने में सबसे ज्यादा होशियार हो। इसी के चलते वह अपने बच्चों को स्कूल, ट्यूशन, हॉबी क्लासेस में पूरा दिन बच्चों व्यस्त कर देते हैं, ताकि उनका बच्चा भविष्य में सब चीजों के लिए तैयार हो। पेरेंट्स को ध्यान देना चाहिए कि कही उनका बच्चा इतना व्यस्त न हो जाएं, वह अपना बचपन ही कही खो दें। बुद्धिमान बनने की बजाएं कुछ और ही बन जाए।

 

माता-पिता क्यों करते है ऐसा?

मां-बाप डरते है कि कहीं इस प्रतियोगिता भरी दुनिया में हमारा बच्चा पिछड़ न जाए। कई माता-पिता सोशल प्रैशर और दूसरों की देखादेखी भी ऐसा करते हैं। कुछ पेरेंट्स सोचते हैं कि जो हम नहीं कर पाए, वह हमारे बच्चे कर लें। वह बच्चों के माध्यम से अपनी अधूरी इच्छाओं को पूरा कर लेंगे।

संकेत पर ध्यान

बच्चों द्बारा बहुत ज्यादा एक्टीविटीज़ उनको थका सकती हैं और उनको तनाव दे सकती हैं। यह उनके व्यक्तित्व और सेहत को काफी प्रभावित भी करता हैं। इसलिए माता-पिता को सोचना चाहिए और सचेत हो जाना चाहिए क्योंकि ऐसी स्थिति में बच्चा आपसे दूर अपनी एक नई दुनिया बना लेगा। अपने आपको व्यस्त और अकेला समझने लगेगा।

बच्चों पर क्या असर होता है?

सुबह से शाम तक भागदौड़ और पढ़ाई में व्यस्त रहने से शारीरिक, मानसिक रूप से थक जाते हैं। वह बात-बात पर चिड़ने लगते हैं। कई बार तो बच्चे एंजायटी या डिप्रैशन से ग्रस्त हो जाते हैं। उनकी इम्यूनिटी कम होने लगती है, जिससे वह बार-बार बीमार पड़ने लगते हैं। बच्चों का फिटनेस लेवल भी बिगड़ने लगता हैं।

माता-पिता को क्या करना चाहिए

- बच्चों का एक साथ कई एक्टिविटीज करना उनको गंभीरता में डाल देता हैं, जिससे बच्चा किसी भी चीज पर अच्छे से ध्यान नहीं दे पाता। इसलिए बच्चे पर ज्यादा काम या पढ़ाई या जोर न डालें।

- कई माता-पिता बच्चों की उम्र और दिलचस्पी का ख्याल किए बिना उन्हें कई एक्टिविटी करने पर जोर देने लगते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को चाहिए कि उनपर अपनी मर्जी न थोपे।

- बच्चों की हर एक्टिविटी के लिए समा बनाकर रखें। न ही उन्हें दिनभर टीवी देखने दें और न ही पढ़ाई। बच्चे की दिलचस्पी को देखते हुए उसे उसकी मनपसंद क्लास में डालें।

- अगर आप अपने बच्चे को सच में ही बुद्धिमान और स्मार्ट बनाना चाहते है तो बेहतर होगा अपनी सोच में बदलाव लाए। अपनी खुशी और इच्छा बच्चे पर थोपने की बजाए उसकी खुशी और क्षमता पर ध्यान दें।

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