दीवाली को दीपों का त्योहार कहा जाता है। इस दिन लोग अपने घरों में दीप जलाते हैं। कुछ लोग इस दिन पटाखे भी चलाते हैं जिसकी तेज आवाज से स्वास्थ्य संबंधित कई परेशानियां होती है। इसके अलावा प्रदूषण भी पैदा होता है।
हाल में ही एक शोध में पाया गया है कि दीवाली के दौरान ध्वनि प्रदूषण लगभग तीन गुना बढ़ जाता है। पटाखे से निकलने वाले धुएं से फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा बढ़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार पटाखों का शोरगुल और प्रदूषण सभी के लिए नुकसानदायक होता है। अधिक रोशनी और शोरगुल वाले पटाखों के कारण लोगों की आंखों में अंधता और कानों में बहरापन आ सकता है। एेसे में इस दीवाली पटाखों से दूरी बनाकर रखें। दीवाली के बाद मॉनिंग वॉक को अवाइड करें।
मिठाई और फ्राई चीजों के बिना दीवाली अधूरी होती है लेकिन इनका अधिक सेवन करने से वजन तेजी से बढ़ता है। वहीं, डायबिटीज और ब्लड प्रैशर के मरीजों को खास तौर पर सावधानियां बरतनी चाहिए। अगर आपको सांसों से संबंधी समस्या है तो धुएं से बचने का प्रयास रहें।
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