दिल्ली पुलिस के खराब व्यवहार से आहत प्रदर्शनकारी पहलवानों ने अपने पदक और पुरस्कार सरकार को लौटाने की धमकी देते हुए कहा कि अगर उनका इस तरह से अपमान किया जाता है तो फिर इन पुरस्कारों का कोई मतलब नहीं है। बुधवार की रात लगभग 11 बजे तब हंगामा शुरू हो गया जब पहलवान सोने के लिए फोल्डिंग चारपाई लेकर आए और ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने इसके बारे में पूछताछ शुरू कर दी क्योंकि नियमों के अनुसार प्रदर्शन स्थल पर इस तरह की चीजें लाने की अनुमति नहीं है।
पहलवानों के निकले आंसू
विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने दावा किया कि पुरुष पुलिस अधिकारियों ने उन्हें धक्का दिया और उनके लिए अपशब्दों का उपयोग किया जिससे उनके आंसू आ गए। संगीता फोगाट के भाई दुष्यंत सहित दो पहलवानों को चोटें आई हैं। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया ने पत्रकारों से कहा- अगर पहलवानों के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता है तो फिर हम इन पदकों का क्या करेंगे। इसके बजाय हम अपने सभी पदक और पुरस्कार भारत सरकार को लौटाकर सामान्य जिंदगी जिएंगे।'' विनेश, साक्षी और बजरंग तीनों देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार खेल रत्न विजेता हैं। साक्षी (2017) और बजरंग (2019) को देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया है।
23 अप्रैल से धरने पर बैठे हैं पहलवान
बजरंग ने कहा-‘‘ जब पुलिस हमें धक्का दे रही है, हमारे लिए अपशब्द कह रही है, हमारे साथ दुर्व्यवहार कर रही है तब वे यह नहीं देखते कि हम पद्मश्री पुरस्कार विजेता है और केवल मैं ही नहीं यहां साक्षी (मलिक) भी है।'' साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीता था। बजरंग ने कहा-‘‘ वे हमारे साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं। महिलाएं और बेटियां सड़कों पर बैठी हैं, दया की भीख मांग रही हैं लेकिन किसी को कुछ परवाह नहीं है।'' पहलवान 23 अप्रैल से राष्ट्रीय राजधानी में फिर से धरने पर बैठे हैं और एक नाबालिग सहित सात पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के आरोप में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
इंसाफ की मांग कर रहे हैं पहलवान
यह मामला उच्चतम न्यायालय के पास है तथा दिल्ली पुलिस में भी कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। बृजभूषण शरण सिंह ने इन सभी आरोपों का खंडन किया है और दावा किया है कि प्रदर्शन राजनीति से प्रेरित है। खेल रत्न पुरस्कार विजेता विनेश फोगाट ने कहा-‘‘ हमसे सभी (पदक) ले लो। हमें बहुत अपमानित किया गया है। हम अपने सम्मान के लिए लड़ रहे हैं लेकिन हमें कुचला जा रहा है। क्या सभी पुरुषों को महिलाओं को अपशब्द कहने का अधिकार है। हम अपने सभी पदक लौटा देंगे, यहां तक कि हम अपनी जान दे देंगे लेकिन कम से कम हमें इंसाफ तो दिला दो।''
क्या है पूरा मामला
हंगामा तब शुरू हुआ जब प्रदर्शनकारी प्रदर्शन स्थल पर अतिरिक्त गद्दे और लकड़ी के बेंच लाने की कोशिश कर रहे थे क्योंकि बारिश के कारण पुराने गद्दे गीले हो गए थे। विनेश ने कहा-‘‘ पुलिसकर्मियों ने मुझे धक्का देना शुरू कर दिया और मेरा हाथ भी खींचा। उन्होंने मेरे लिए अपशब्द कहे। उस समय कोई महिला कांस्टेबल नहीं थी। उनका रवैया बेहद आक्रामक था। एक अन्य पुलिसकर्मी नशे में था।'' दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि फोल्डिंग चारपाई आम आदमी पार्टी के नेता सोमनाथ भारती लेकर आए थे। विनेश ने कहा,‘‘ सोमनाथ भारती नहीं बल्कि हमने चारपाई लाने के लिए कहा था। और अगर वह लाए भी तो क्या हमें सोने का भी अधिकार नहीं है। क्या हम बिस्तर लाकर अपराध कर रहे थे। क्या उनमें बम या हथियार था। दिल्ली पुलिस का व्यवहार बहुत बुरा था।''
स्वाति मालीवाल ने भी दिया पहलवानों का साथ
बजरंग ने कहा-‘‘ मैं यह जानना चाहता हूं कि हर चीज को राजनीति से क्यों जोड़ा जा रहा है। कभी आम आदमी पार्टी, कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा। यह महिलाओं से जुड़ा मामला है लेकिन इसे राजनीतिक पार्टियों से जोड़कर देश को गुमराह किया जा रहा है।'' उन्होंने कहा-‘‘ पुलिस बृजभूषण का पक्ष ले रही है। प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद हमारे लिए अपशब्द कहे जा रहे हैं। पहलवानों को जाति के आधार पर बांटा जा रहा है।'' यह पूछे जाने पर कि क्या प्रदर्शन पर राजनीतिक पार्टियां हावी हो रही हैं, विनेश ने कहा-‘‘ अगर यह राजनीतिक है तो कृपया प्रधानमंत्री से हमारी बात करवाएं। गृहमंत्री से कहो कि हमसे बात करें। हमें न्याय दिलाएं। हम अपना करियर और जीवन दांव पर लगा रहे हैं।'' प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ दिल्ली महिला आयोग की स्वाति मालीवाल भी बैठी थीं।