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World Family Day 2025: 251 सदस्यों वाले दुनिया के सबसे बड़े परिवार की कमान संभालती है दो महिलाएं

  • Edited By PRARTHNA SHARMA,
  • Updated: 15 May, 2025 03:34 PM
World Family Day 2025: 251 सदस्यों वाले दुनिया के सबसे बड़े परिवार की कमान संभालती है दो महिलाएं

नारी डेस्क: मिजोरम के बटवंग गांव में रहने वाले जियोना चाना दुनिया के सबसे बड़े परिवार के मुखिया हैं। जियोना के पास 39 पत्नियां, 94 बच्चे, और 33 पोते-पोतियां हैं। यह परिवार इतना बड़ा है कि जियोना को इस पर गर्व है। उनका परिवार 100 कमरों वाले घर में रहता है, और यह परिवार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है। यह परिवार अब महापरिवार के नाम से जाना जाता है। जहां दुनिया भर में संयुक्त परिवार घटते जा रहे हैं, वहीं जियोना का परिवार एक उदाहरण प्रस्तुत करता है कि कैसे एक बड़ा परिवार मिलजुल कर एक साथ रह सकता है और खुश रह सकता है।

संयुक्त परिवार का महत्व

आजकल ज्यादातर जगहों पर संयुक्त परिवार का चलन कम हो रहा है। हालांकि, नागौर जैसे स्थानों में अब भी संयुक्त परिवारों की परंपरा जीवित है। यहां के लोग मानते हैं कि परिवार की एकता में ही हमारी प्रगति छिपी है। इस विश्व परिवार दिवस पर, हम ऐसे परिवारों के उदाहरण सामने ला रहे हैं जो वाकई में अनूठे हैं। ये परिवार हमें यह अहसास कराते हैं कि संयुक्त परिवार की ताकत कभी कम नहीं होती।

सूरजाराम का विशाल परिवार

नागौर जिले के सूरजाराम का परिवार भी एक अद्भुत उदाहरण है। सूरजाराम पांचौड़ी ने अपने परिवार के साथ 153 सदस्यों का घर बसाया है। इनमें 6 बेटे, 30 पोते, 34 पड़पोते, 13 पोते-पोतियां, और 6 सड़पोते शामिल हैं। सूरजाराम की उम्र अब 102 वर्ष हो चुकी है, लेकिन वह आज भी 3 किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर से बाहर जाते हैं।

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सूरजाराम के परिवार का नाम अब सुजाननगर के रूप में जाना जाने लगा है। उनका परिवार पूरी तरह से एक साथ रहता है और सभी के लिए एक ही रसोई में भोजन तैयार किया जाता है। इस परिवार के लिए 25 किलो सब्जी और 50 किलो आटे की खपत होती है। जब कोई समारोह या उत्सव होता है, तो सूरजाराम ही निर्णय लेते हैं कि क्या करना है।

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संयुक्त परिवार की विशेषताए

सूरजाराम के परिवार में, हर सदस्य के पास अपनी जिम्मेदारी है। विशेष अवसरों पर, सूरजाराम परिवार के बड़े निर्णय लेते हैं। परिवार के मुखिया के तौर पर सूरजाराम अपने परिवार को एकजुट रखते हैं और उनके सभी निर्णय बड़े सम्मान के साथ लिए जाते हैं। उनका परिवार एक छोटे से गांव जैसा लगता है, और इसमें सभी सदस्य एक-दूसरे के साथ मिलकर रहते हैं। सूरजाराम के घर में करीब 153 सदस्य रहते हैं और सबका खाना एक साथ बनता है। परिवार में किसी भी प्रकार का अहंकार नहीं है, और सभी सदस्य एक-दूसरे के सहयोग से घर का कामकाज करते हैं। जब भी कोई खास अवसर आता है, सूरजाराम परिवार के मुखिया के तौर पर निर्णय लेते हैं।

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कुचामन के वैद्य श्यामस्वरूप का परिवार

कुचामन शहर के आथूणा दरवाजा क्षेत्र में रहने वाले वैद्य श्यामस्वरूप गौड़ का परिवार भी बेहद अनूठा है। वह 52 सदस्यों के परिवार के मुखिया हैं। उनका परिवार एक साथ मिलकर काम करता है और हमेशा त्योहार जैसा माहौल रहता है। गौड़ परिवार में 7 बेटे-बहुएं, 4 बेटियां-दामाद, और उनके नाती-पोते मिलाकर कुल 52 सदस्य हैं। इस परिवार में हमेशा खुशी और उत्सव का माहौल रहता है, और हर दिन जैसे एक त्योहार जैसा महसूस होता है।

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गौड़ परिवार में सामूहिक जिम्मेदारी

गौड़ परिवार के हर सदस्य को अपने काम की जिम्मेदारी दी जाती है। घर में खाना बनाने की जिम्मेदारी परिवार की बहुएं निभाती हैं। घर में 8 किलो सब्जी प्रतिदिन बनती है और शाम को 6 किलो छाछ से कड़ी बनती है। गर्मियों के समय में 20 किलो आम का आमरस तैयार किया जाता है। इस परिवार के सदस्य अलग-अलग व्यवसायों में काम करते हैं, जैसे ज्योतिषी, फोटोग्राफी, नमक खारड़ा, और डिपार्टमेंटल स्टोर चलाते हैं। हालांकि, परिवार में कोई भी सदस्य नौकरी नहीं करता। सभी सदस्य मिलजुल कर अपने कारोबार में लगे रहते हैं।

संयुक्त परिवार का सुख और महत्व

हिंदू सनातन धर्म में संयुक्त परिवार को सर्वोत्तम माना गया है। धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि जिस घर में संयुक्त परिवार नहीं होता, वहां की शांति और समृद्धि सिर्फ एक भ्रम होती है। संयुक्त परिवार से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। संयुक्त परिवार केवल एक संस्था नहीं, बल्कि एक जीवन का तरीका है, जो सभी सदस्य की भावनाओं और जरूरतों का सम्मान करता है।



 

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