एक समय ऐसा भी था जब हमारे समाज में LGBTQ समुदाय के लोगों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता था लोग उन्हें अच्छी नजर से नहीं देखते थे लेकिन इसके बावजूद सफलता पाने के लिए ये लोग खुद के लिए लड़े और खड़े हुए। अपने हक के लिए आवाज उठाने वाले इन लोगों पर आज सब को मान है। इन्हीं लोगों को समर्पित है जून का महीना। हर साल जून महीने को प्राइड मंथ के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है।
इस महीने में धरती को इंद्रधनुष के रंगों से भर दिया जाता है। गौरतलब है कि साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने भारत में समलैंगिकता पर लगी धारा 377 को हटा दिया गया था। जिसके बाद से पूरे विश्व के साथ भारत में भी प्राइड मंथ का जश्न मनाया जाता है।
क्यों मनाया जाता है प्राइड मंथ ?
हर साल जून के महीने में इसका जश्न मनाया जाता है। समलैंगिक यानि एलजीबीटी समुदाय के लोगों के समर्थन में इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है।
कब और कैसे हुई शुरूआत ?
28 जून को 1969 न्यूयॉर्क के ग्रीनविच विलेज के स्टोनविल बार पर छापेमारी की गई थी। पुलिस ने लोगों को गिरफ्तार करने चाहा लेकिन स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। इस दौरान समलैंगिक समुदाय ने जमकर विरोध किया। यह घटना 3 दिन तक चलती रही। जिसके बाद अमेरिका में समलैंगिक आजादी के आंदोलन के लिए आवाज उठी। जो अन्य देशों तक भी पहुंची।
क्यों होता है झंडा कलरफुल?
समलैंगिक समुदाय में कई और समूहों का प्रतिनिधित्व भी किया जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए 1978 में आर्टिस्ट और डिजाइनर गिल्बर्ट बेकर ने सैन फ्रांसिस्को के प्राइड समारोह के लिए एक झंडा तैयार किया था। और उसमें इंद्रधनुष की तरह सभी कलर्स का प्रयोग किया।
प्राइड मंथ कैसे सेलिब्रेट किया जाता है?
इस महीने परेड का आयोजन किया जाता है। वहीं 27 जून को ग्लोबल प्राइड डे के तौर पर मनाया जाता है। जिसमें समुदाय में विविधता और समानता का एकाधिकार व्यक्त किया जाता है।