8 मार्च वह दिन है जब हम हर दिन हमारी दुनिया में महिलाओं द्वारा किए गए योगदान का जश्न मनाने के लिए समर्पित करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (आईडब्ल्यूडी) एक वैश्विक जागरूकता दिवस है जहां हम उन उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हैं जो महिलाओं ने सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक आर्थिक क्षेत्रों में हासिल की हैं। हालांकि, यह अभी भी किए जाने वाले कार्यों को उजागर करने का एक अवसर है और हम एक अधिक लिंग-समान दुनिया बनाने के लिए क्या कर सकते हैं।
हम 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाते हैं
महिला दिवस मनाने का इतिहास करीब 108 साल पुराना है। 20वीं सदी की शुरुआत में दुनियाभर में महिलाओं के मताधिकार आंदोलनों को न्यूजीलैंड से लेकर अमेरिका तक देखा जा रहा था। वैश्विक उत्सव बनने से पहले "महिला दिवस" अलग-अलग तरीकों से सेलिब्रेट किया जाता था जैसे -
. फरवरी 1909 में, सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने न्यूयॉर्क शहर में तब 'महिला दिवस' का आयोजन किया, जब लगभग 15,000 महिलाओं ने साथ कम वेतन और ज्यादा देर काम करने का विरोध किया। उन महिलाओं को मांग थी कि उन्हें पुरुषों के बराबर वेतन और मतदान का पूर्ण अधिकार दिया जाए।
. एक साल बाद, जर्मनी में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी महिला सम्मेलन ने एक वार्षिक 'महिला दिवस' का प्रस्ताव रखा। इसके बाद सोशलिस्ट पार्टी ऑफ़ अमेरिका ने इस दिन को पहला 'राष्ट्रीय महिला दिवस' घोषित कर दिया।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को ही क्यों चुना गया?
8 मार्च को वुमन डे उस दिन मनाया जाने लगा, जिस दिन से 1917 में फरवरी क्रांति के मद्देनजर रूस में महिलाओं ने वोट हासिल किया था। साल 1911 में रूस ने 8 मार्च को 'अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस' के रूप में सेलिब्रेट करना शुरू किया। इसके बाद साल 1913 में इसे आधिकारिक अवकाश घोषित किया गया।
कैसे हुई थी शुरुआत?
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पूरे विश्व में मनाने की सुझाव भी एक महिला ने ही दिया था, जिसका नाम क्लारा जेटकिन था। क्लारा साल 1910 में एक इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के दौरान अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आइडिया दिया था। उस वक्त कॉन्फ्रेंस में 17 देशों की 100 महिलाएं मौजूद थीं, जिन्होंने उनका समर्थन किया। इसके बाद विश्वस में हर साल 8 मार्च को ही अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाने लगा।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 की थीम क्या है?
साल 2021 में महिला दिवस की थीम महिला 'नेतृत्व: कोविड-19 की दुनिया में एक समान भविष्य को प्राप्त करना’ थी जबकि संयुक्त राष्ट्र ने साल 2022 वुमन डे की थीम 'Gender equality today for a sustainable Tomorrow' रखी है। इसका मकसद महिलाओं व पुरुषों के हक पर बात करना है। इस बार महिला दिवस का रंग पर्पल, ग्रीन और सफेद रखा गया है। बता दें कि पर्पल रंग न्याय - गरिमा, हरा रंग उम्मीद और सफेद रंग शुद्धता का प्रतीक माना जाता है।