छठ पर्व की शुरुआत 17 नवंबर से हो चुकी है। लगातार चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का इंतजार रहता है। यह पर्व भगवान सूर्य और मां छठी को समर्पित होता है। इस दौरान व्रती महिलाएं अपनी संतान की सलामती और परिवार की खुशहाली के लिए उपवास रखती हैं। कई जगह छठ को प्रतिहार, डाला छठ, छठी और सूर्य षष्ठी के नाम से जाना जाता है। यह व्रत महिलाएं अपनी संतान की सलामती के लिए और परिवार की खुशहाली के लिए रखती हैं। इस पर्व में बांस के सूप का विशेष रुप से इस्तेमाल होता है लेकिन क्या आप जानते हैं छठ पूजा में बांस का सूप इस्तेमाल क्यों होता है। तो चलिए आज आपको बताते हैं कि छठ पूजा में बांस का सूप क्यों जरुरी माना जाता है।
पूजा में क्यों जरुरी माना जाता है बांस का सूप?
मान्यताओं के अनुसार, जिस भी दांपत्य को संतान सुख नहीं मिलता उन्हें छठ पूजा जरुर करनी चाहिए। इस पूजा को करने से संतान की सेहत भी अच्छी बनी रहती है और उसे जीवन में हमेशा सफलता की प्राप्ति होती है। यह पूजा मुख्य रुप से संतान के लिए ही की जाती है। छठ पूजा में बांस से बने सूप का इस्तेमाल भी किया जाता है। यह इस बात का प्रतीक है कि जिस प्रकार बांस तेजी से बढ़ता है उसी तरह संतान की प्रगति भी होती है। इसलिए इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
कैसे होता है बांस के सूप का इस्तेमाल?
छठ पूजा के दौरान सूर्यदेव को अर्घ्य देने के समय बांस का सूप इस्तेमाल किया जाता है। व्रती महिलाएं बांस से बने सूप, टोकरी में फल आदि रखकर छठ घाट लेकर जाती हैं और भगवान सूर्य की आराधना करती हैं। बांस के बने सूप या टोकरी की मदद से ही छठी मैया को भेंट दी जाती है। मान्यताओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि बांस की पूजा करने से धन और संतान सुख दोनों की ही प्राप्ति होती है।
इन चीजों का भी होता है इस्तेमाल
छठ पूजा में बांस की टोकरी के साथ-साथ पीतल के सूप के कटोरे का भी प्रयोग किया जाता है। पूजा के लिए 7 सूप का इस्तेमाल किया जाता है और व्रती महिलाएं छठ पूजा से एक या फिर दो दिन पहले इन्हें खुद बनाती हैं या फिर बाजार से खरीदती हैं। इसके अलावा पूजा में पीतल के बर्तनों का इस्तेमाल भी होता है। छठ पूजा में पुरुष बांस की टोकरी में फल, ठेकुआ और कई सारी सामग्री अपने सिर पर रखकर घाट तक लेकर जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि छठ पूजा के दौरान बांस के सूप का सही तरीके से इस्तेमाल करने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। इसलिए पूजा में बांस के सूप का ज्यादा महत्व है।