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जानलेवा हो रहा कोरोनाः डबल म्यूटेंट वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता तो हरिणाया में बच्चे हो रहे शिकार

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 31 Mar, 2021 01:58 PM
जानलेवा हो रहा कोरोनाः डबल म्यूटेंट वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता तो हरिणाया में बच्चे हो रहे शिकार

भारत में कोरोना वायरस का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा। बीते 24 घंटे में कोरोना के 53 हजार 480 नए मामले सामने आए हैं, जबकि मौत का आंकड़ा 350 के पार पहुंच गया है। एक समय था जब देश में कोरोना महामारी मानों गायब होने लगी थी लेकिन साल 2021, फरवरी महीने के बाद वायरस ने अपनी रफ्तार फिर तेज कर ली। कोरोना के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र, पंजाब, केरल, हरियाणा, बिहार, दिल्ली आदि में देखने को मिल रहे हैं।

हरियाणा में बच्चों तक पहुंचा वायरस

हरियाणा में महामारी की दूसरी लहर बच्चों को अपना शिकार बना रही है, जिससे सरकार की चिंता बढ़ गई है। हैरानी की बात तो यह है कि हरियाणा में कोरोना पॉजिटिव निकले बच्चों में कोई लक्षण नहीं दिखा। विभिन्न स्थानों पर करीब 25 से 30% बच्चे इसकी चपेट में हैं।

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डबल म्यूटेंट ने बढ़ाई चिंता

वहीं, भारत में कोरोना के नए डबल म्यूटेंट वेरिएंट का पता चला है, जिससे स्वास्थ्य मंत्रालय की चिंता में इजाफा कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कोरोना मामलों में वृद्धि का कारण डबल म्यूटेंट वेरिएंट नहीं है। बता दें कि पहली बार महाराष्ट्र में डबल म्यूटेंट की पहचान की गई थी।

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क्या है डबल म्यूटेंट वेरिएंट?

दो वायरस स्ट्रेन से पैदा होने वाली तीसरे म्यूटेशन को डबल म्यूटेंट कहा जाता है और जब यह इंसानी शरीर को प्रभावित करता है तो उसे वेरिएंट कहते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में दिसंबर से  E484Q और L452R म्यूटेशन के मामले ज्यादा जदेखने को मिले। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस में ऐसे बदलाव होना आम है इसलिए इसे लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। ये नया वेरिएंट ब्रिटेन, सिंगापुर, जापान, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क समेत करीब 16 देशों में दिख चुका है। जबकि अब तक ब्राजील, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका में करीब 8-10 म्यूटेशन देखे जा चुके हैं।

कितना खतरनाक है डबल म्यूटेंट वेरिएंट?

डबल म्यूटेंट वेरिएंट इम्यून सिस्टम से अपना बचाव करके शरीर में तेजी से संक्रमण फैला सकता है। इस मायने से देखा जाए तो यह काफी खतरनाक साबित हो सकता है। यह न सिर्फ संक्रमण बढ़ने बल्कि उसमें ट्रांसमिशन में वृद्धि की वजह बन सकता है। इसे SARS CoV-2 से भी ज्यादा खतरनाक व फैलने वाला माना जा रहा है।

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