प्यार करने वाले लोग उसका इजहार करने के लिए वेलेंटाइन डे का दिन चुनते हैं। हर कोई इस दिन को अपने ही तरीके से पार्टनर के साथ सेलेब्रेट करता है। मगर, महाराष्ट्र के 'वुमन्स काॅलेज' की लड़कियों ने वेलेंटाइन कुछ अनोखे ही अंदाज में सेलिब्रेट किया।
दरअसल, 'महिला आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज' ने अपनी सभी छात्राओं से यह शपथ दिलवाई कि 'वे किसी से प्यार नहीं करेंगी, ना किसी से अफेयर और ना ही लव मैरिज करेंगी।' इसके बाद छात्राओं ने शपथ लेते हुए कहा, 'मैं कसम खाती हूं, मुझे अपने माता-पिता पर पूरा भरोसा है इसलिए मेरे सामने होने वाली घटनाओं को देखते हुए, मैं किसी से प्यार नहीं करूंगी और ना ही लव मैरिज करूंगी। साथ ही दहेज लेने वालों के साथ भी शादी नहीं करूंगी। एक भावी मां के रूप में, मैं अपनी भावी बहू से दहेज नहीं लूंगी। साथ ही लड़की को दहेज भी नहीं दूंगी।'
हालांकि, यह शपथ सिर्फ 100 में से 40 लड़कियों ने इससे सहमति जताई यानी कि बाकी की 60 लड़कियों को यह शपथ बिल्कुल मंजूर नहीं थी।
अब सवाल यह उठता है कि लड़कियों को दिलवाई गई यह शपथ आखिर किस हद तक सही है...
आखिर लड़कियां ही क्यों... आखिर क्यों लड़कियां किसी गलत इंसान के साथ बंधने के डर से खुलकर जीना छोड़ दें। क्या लड़कियों को हक नहीं कि वो अपनी मर्जी से शादी करें? हम यह नहीं, कहते कि प्यार करना गलत है। मगर, आजकल के युवा खासकर लड़कियां सही-गलत सोचे बिना ऐसे इंसान पर भरोसा कर लेती हैं, जिसका खामियाजा उन्हें बाद में भुगतना पड़ता है। यही नहीं, कुछ तो लव मैरिज के लिए अपने परिवार से झगड़ा भी कर लेती हैं। अगर आपको अपनी पसंद पर भरोसा है तो इसके बारे में परिवार से बात करें क्योंकि माता-पिता तो हमेशा अपने बच्चे का भला ही सोचते हैं।
लड़कियों द्वारा ली गई इस शपथ का मुख्य कारण ये है कि लड़कियों में बढ़ रही एसिड अटैक, लव मैरिज के नाम पर धोखाधड़ी और दहेज प्रथा को खत्म किया जा सके। मगर, सवाल यह उठता है कि क्या इसकी जिम्मेदारी सिर्फ लड़कियों की है?
यह शपथ सिर्फ लड़कियों से ही क्यों, लड़कों से क्यों नहीं ली जा रही? आखिर लड़कों को क्यों नहीं समझाया जाता है कि वो औरत का सम्मान करें। लड़कों को भी शपथ दिलाई जाए कि वो एक-तरफा प्यार में लड़की पर तेजाब ना फेंकें और उसे बिना किसी कसूर दहेज के लिए जिंदा ना जलाए। इतना ही नहीं, लड़कियों को गंदी नजर से भी ना देखें।