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यूट्रस की सूजन भी बढ़ाती है Belly Fat, जानिए कारण और बचाव के तरीके

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 20 Nov, 2019 10:09 AM
यूट्रस की सूजन भी बढ़ाती है Belly Fat, जानिए कारण और बचाव के तरीके

आज 10 में से 7 महिलाएं किसी न किसी हैल्थ प्रॉब्लम से जूझ रही हैं, जिसमें से एक है बढ़ी हुई तोंद। गलत खान-पान, एक्टिविटी की कमी और स्ट्रेस बैली फैट का सबसे बड़ा कारण है लेकिन गर्भाश्य यानि बच्चेदानी में सूजन भी बढ़ी हुई तोंद का कारण हो सकती है। वहीं इसके कारण असहनीय पेट दर्द, बुखार, सिरदर्द और कमर दर्द का सामना करना पड़ता है। समय रहते इस समस्या का इलाज न करने पर यह बांझपन व कैंसर जैसी बड़ी बीमारी का कारण भी बन सकती है, जिसे गर्भाशय फाइब्रॉइड कहते हैं।

चलिए आपको बताते हैं कि बच्चेदानी में सूजन किन कारणों से आती है और इसे कैसे दूर किया जाए।

इन कारणों से आती है गर्भाश्य में सूजन

आमतौर 50-55 साल की उम्र की महिलाओं में सूजन तब आती है जब मेनोपॉज का समय करीब हो। वहीं प्रेगनेंसी के दौरान भी महिलाओं को इस समस्या का सामना करना पड़ता है। यदि किसी को पीसीओएस (PCOS) की समस्या है तो उसे भी सूजन हो सकती है।

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अब जानते हैं कि 20-40 साल की उम्र की महिलाओं को बच्चेदानी में सूजन क्यों आती है...

एक्टिविटी की कमी

दिनभर एक ही जगह बैठकर काम करने से गर्भाश्य पर दबाव बनता है, जिससे उसमें सूजन आ जाती है। कुछ महिलाओं को ये मोटापा लगता है लेकिन सूजन के कारण भी पेट सख्त और फूल जाता है।

टाइट कपड़े पहनने के कारण

जो महिलाएं बहुत ज्यादा टाइप कपड़े पहनती है उनमें भी यह समस्या काफी देखने को मिलती है। खासकर टाइट जींस पहनने से यह समस्या अधिक होती है।

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अधिक दवाइयों का सेवन

छोटी-मोटे दर्द में पेनकिलर व अन्य एंटी-बायोटिक दवा का बार-बार सेवन भी इसका कारण बनता है।

कब्ज या एसिडिटी

अक्सर कब्ज या एसिडिटी की शिकायत रहने से गर्भाश्य में सूजन आ सकती है।

भूख से अधिक भोजन करना

स्वाद के चक्कर में अपनी भूख से अधिक भोजन करना भी गर्भाश्य में सूजन का कारण बन सकता हैं।

अधिक एक्सरसाइज करना

इसके अलावा बदलते मौसम की वजह से महिलाओं की बच्चेदानी में कभी-कभी सूजन हो जाती है। वहीं जो महिलाएं ज्यादा समय तक व्यायाम करती हैं, उनमें भी यह समस्या हो सकती है।

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अगर गर्भाश्य में सूजन हो तो मिलते हैं ये संकेत...

. लगातार बैली फैट बढ़ना
. पेट दर्द, गैस तथा कब्ज होना
. पीठ में दर्द, बुखार
. प्राइवेट पार्ट में खुजली या जलन
. पीरियड्स में तेज दर्द व ठंड लगना
. यौन संबंध के दौरान दर्द
. बार-बार पेशाब आना
. लूज मोशन, उल्टी

गर्भाश्य में सूजन होने पर डॉक्टर से चेकअप करवाएं। इसके अलावा आप कुछ घरेलू तरीकों से भी इस समस्या को दूर कर सकते हैं।

नीम की पत्तियां

नीम के पत्ते और सोंठ को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं। दिन में 1 बार इसका सेवन करें। आपको आराम मिलेगा।

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सोया मिल्क

1 चम्मच शहद में 2-3 चम्मच ताजा सोया मिल्क मिलाकर पीने से भी गर्भाशय की सूजन दूर हो जाती है।

हल्दी का दूध

दिन में 2 बार हल्दी वाला दूध पीएं। इससे भी गर्भाश्य की सूजन से आराम मिलेगा।

मुलेठी

1/4 चम्मच मुलेठी पाउडर को गर्म पानी में मिलाकर पीएं। इससे गर्भाशय की सूजन खत्म हो जाएगी।

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अलसी के बीज

1 चम्मच पीसी हुई अलसी के बीजों को दूध में तब तक उबालें जब तक वो आधा न हो जाए। रात में सोने से पहले इसके सेवन करें।

हैल्दी डाइट

अच्छी डाइट लगभग सभी बीमारियों का काल है। हरी पत्तेदार और फ्रेश सब्जियां व फलों के सेवन से भी बच्चेदानी की सूजन से राहत मिलती है।

बादाम का दूध

बच्चेदानी की सूजन को दूर करने में बादाम बहुत असरकार है। रात में बादाम को दूध के साथ भिगो दें। सुबह उठकर बादाम समेत दूध पी लें। ऐसा करने से सूजन से छुटकारा मिलेगा।

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इन बातों का भी रखें ध्यान

. नियमित स्क्रीनिंग टेस्ट करवाती रहें।
. संदिग्ध एसटीआई का जल्द निदान करवाएं
. असुरक्षित यौन संबंध ना बनाए
. मिर्च, मसाले वाले और तले-भुने खानों से परहेज करना चाहिए।
. बेहतर होगा फैशन के साथ कंफर्ट को ध्यान में रखते हुए ही कपड़ों का चुनाव करें।
. ज्यादा एक्सरसाइज ना करें और योग जरूर करें।
. अधिक से अधिक पानी पीएं और सर्दियों में गुनगुना पानी ही पीएं।

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