05 DECFRIDAY2025 3:22:40 PM
Nari

पेशाब का रंग बदलना नहीं है नॉर्मल, खतरा आने से पहले ही पहुंच जाओ डॉक्टर के पास

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 18 Sep, 2025 02:22 PM
पेशाब का रंग बदलना नहीं है नॉर्मल, खतरा आने से पहले ही पहुंच जाओ डॉक्टर के पास

नारी डेस्क: हमारे शरीर की सेहत का हाल अक्सर पेशाब के रंग (Urine Color) से जाना जा सकता है। यह शरीर में पानी, पोषण और बीमारियों के बारे में संकेत देता है। पेशाब का रंग आपके शरीर की हाइड्रेशन लेवल, किडनी, लिवर और स्वास्थ्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देता है। सामान्यतः पेशाब हल्का पीला या पारदर्शी होना चाहिए। अगर इसमें बदलाव आता है तो यह किसी कमी, बीमारी या शरीर की स्थिति का संकेत हो सकता है।


पेशाब के रंग और उनका मतलब

पेशाब का पारदर्शी या बहुत हल्का पीला होने कर मतलब है कि शरीर में पानी की मात्रा ज्यादा है। बार-बार पेशाब आना सामान्य माना जाता है। हल्का पीला (स्ट्रॉ कलर) का मतलब है कि  शरीर में पानी और पोषक तत्व संतुलित। वहीं गहरा पीला या एंबर रंग यह संकेत देता है कि शरीर को ज्यादा पानी की ज़रूरत है।


इन रंगों को ना लो हल्के में


नारंगी रंग कभी-कभी लिवर और बाइल डक्ट की समस्या का भी संकेत हो सकता है। किसी खतरे से पहले ही ज्यादा पानी शुरू कर दें। लाल या गुलाबी रंग  खून की मिलावट (Blood in Urine) का संकेत भी हो सकता है। इसे हल्के में ना लें और तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं। भूरा  रंग गंभीर डिहाइड्रेशन के साथ- साथ लिवर या किडनी की बीमारी का संकेत है। इस रंग की वजह मसल्स से जुड़ी समस्या (रैबडोमायलोसिस) भी हो सकती है।


हरा या नीला रंग भी है खतरनाक

यह रंग दवाइयों, संक्रमण या आनुवंशिक बीमारी के कारण हो सकता है। झागदार या फेन वाला पेशाब कभी-कभी सामान्य होता है, लेकिन लेकिन बार-बार होने पर यह प्रोटीन लीक (किडनी की समस्या) का संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से जांच कराना ही समझदारी है। 


यूरिन टेस्ट कब कराना ज़रूरी होता है?


-पेशाब करते समय जलन, दर्द या रुक-रुक कर आना। पेशाब में खून आना या रंग बदलना।

-संक्रमण (UTI – Urinary Tract Infection) का शक हो

पेशाब में बदबू या धुंधलापन। पेट के निचले हिस्से में दर्द होना।

-किडनी की बीमारियों का पता लगाने के लिए

-डायबिटीज (मधुमेह) की जांच और निगरानी में

-लिवर और मेटाबॉलिज्म से जुड़ी बीमारियों में

-यूरिन का रंग गहरा होना या असामान्य बदलाव।

-प्रेग्नेंसी के दौरान प्रोटीन, शुगर या संक्रमण की जांच के लिए ।

-कभी-कभी यूरिन टेस्ट से नशे की दवाओं या विषैले तत्वों का भी पता लगाया जाता है।


 

Related News