बॉलीवुड के लेजेंड कपल की बात होगी तो अमिताभ और जया बच्चन का नाम भी आएगा। दोनों ने एक-दूसरे का साथ और रिश्ता बखूबी निभाया, ऐसा नहीं है कि उनकी शादीशुदा जिंदगी में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आई लेकिन जया ने अपने रिश्ते को टूटने नहीं दिया और ऐसा भी नहीं है कि रिश्ते में गलतियां नहीं होती लेकिन उनसे सबक कैसे लेना है? और उसे संजोना कैसे है? ये अमिताभ और जया से बेहतर शायद कोई और नहीं जान सकता। जब अमिताभ की नजदीकियां रेखा के साथ बढ़ती बताई गई तो भी जया बच्चन ने धैर्य से काम किया और अपने घर को टूटने से बचा लिया ये कह कर कि -मैं कभी भी अमित को नहीं छोड़ूंगी।
दरअसल, जया की लाइफ में एक समय ऐसा आया जब उनके पति अमिताभ और रेखा के करीब होने की खबरें आने लगी थी ऐसी स्थिति में ज्यादातर महिलाएं अलग होने का फैसला लेती हैं लेकिन जया ने अपने प्यार के लिए लड़ने का फैसला लिया और साफ-साफ रेखा को कह दिया कि वह अपने पति को कभी छोड़ने वाली नहीं हैं। और उनका ही विश्वास उन्हें सफल बना गया।
कहा जाता है कि फिल्म कुली के हादसे के बाद अमिताभ बच्चन औऱ जया की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई थी। मुश्किल वक्त में वह दोनों एक दूसरे को और भी करीब आ गए और रेखा अमिताभ की जिंदगी से बहुत दूर हो गई।
एक खबर के मुताबिक, जब अमिताभ कुली फिल्म के दौरान हुए एक हादसे के चलते अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे थे तो उसी दौरान रेखा ने अपनी फिल्म उमराव जान का प्रीमियर का आयोजन किया था। वहीं जया ने अपने पति का दिन-रात अमिताभ बच्चन की देखभाल की और मन्नत मांगी कि पति ठीक होंगे तो नंगे पांव चलकर मंदिर जाएगी। इस घटना के बाद अमिताभ बच्चन पूरी तरह से बदल गए और वह रेखा को भूल कर हमेशा के लिए जया के करीब आ गए।
इस पर जया जी ने भी कहा था कि जया का कहना है कि, "मैं यह बात बराबर सुनती आ रही हूँ कि हर दूसरी औरत, शादीशुदा मर्द के साथ किस तरह मोहब्बत में डूबी हुई है। मैं अपनी जिंदगी में या अपने किसी चाहने वाले की जिंदगी में ऐसा नहीं कर सकती। मुझे लगता है हर खुद्दार इंसान ऐसा ही करेगा। आखिर आप किसी ऐसे मर्द को कुबूल कैसे कर सकते हैं जो हर रात अपने घर चला जाता हो।"
जब बात करियर और बच्चों की आई तो भी अपने जया ने बेझिझक होकर अपने टॉप के करियर को एक साइड पर रख दिया और बच्चों की परवरिश खुद की हालांकि अमिताभ भी कितने भी बिजी क्यों ना रहे हो उन्होंने भी बच्चों के लिए समय निकाला ताकि उन्हें कभी पैरेंट्स की कमी ना खलें।
जब पति पर आई कंगाली और कर्जे की नौबत तो भी जया ने पति का साथ दिया। एक पल ऐसा आया था जब अमिताभ के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह अपनी कंपनी में काम कर रहे लोगों को सैलरी तक दें सकें और आखिर में उन्हें खुद को दिवालिया घोषित करना पड़ा था। इस स्थिति में जया ने पति का साथ नहीं छोड़ा बल्कि हिम्मत बन कर साथ रही और अमिताभ बच्चन उस बुरी वक्त से भी बाहर निकले।
भले ही जया स्वभाव से थोड़ा सख्त हैं लेकिन उन्होंने कभी अपने परिवार से ज्यादा किसी अन्य बात को अहमियत नहीं दी फिर वो उनके पति हो या बेटी बेटा और बहू।
इस बारे में आपको क्या लगता है क्या ऐसी स्थिति में आने पर महिला को क्या करना चाहिए। धैर्य रखना चाहिए या जल्द कोई फैसला लेना चाहिए।