अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। काबुल विश्वविद्यालय में बंदूकधारियों ने हमला कर दिया। मिली जानकारी के मुताबिक इस हमले में 20 छात्रों के मारे जाने की खबर मिली है। जबकि बताया जा रहा है कि 40 लोग इस हमले में घायल हुए हैं। जब यह हमला हुआ उस समय काबुल विश्वविद्यालय में पुस्तक प्रदर्शनी लगी हुई थी।
छात्रों पर बरसाई अंधाधुंध गोलियां
मिली जानकारी के मुताबिक विश्वविद्यालय में लगी पुस्तक प्रदर्शनी में अफगानिस्तान में ईरान के राजदूत भी पहुंचे थे। बंदूकधारियों ने बुक फेयर में में घुस कर छात्रों पर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी। गोलियों की आवाज सुनते ही छात्रों में भगदड़ मच गई। हमला करने के बाद बंदूकधारियों की सुरक्षा बलों के साथ कई घंटे तक मुठभेड़ चली, जिसमें करीब 25 लोग जख्मी हो गए। हालांकि सुरक्षाबलों ने तीन बंदूकधारियों को मार गिराया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की निंदा
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'मैं काबुल विश्वविद्यालय में कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारी प्रार्थना पीड़ितों और घायलों के परिवारों के साथ है। हम आतंकवाद के खिलाफ अफगानिस्तान के बहादुर संघर्ष का समर्थन करना जारी रखेंगे।'
सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी
फिलहाल अभी तक किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। काबुल विश्वविद्यालय पर हुए आतंकी हमले के बाद सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है। बता दें साल 1932 में काबुल यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई थी। अफगानिस्तान की यह सबसे पुरानी और बड़ी यूनिवर्सिटी है।