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आयरन लेडी के नाम से बनाई पहचान, पहली महिला PM Indira Gandhi ने ऐसे कमाया था राजनीति में नाम

  • Edited By palak,
  • Updated: 19 Jan, 2023 03:24 PM
आयरन लेडी के नाम से बनाई पहचान, पहली महिला PM Indira Gandhi ने ऐसे कमाया था राजनीति में नाम

राजनीति में इतिहास में आज भले ही कई महिलाओं ने नाम कमाया है लेकिन इंदिरा गांधी ने देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर पहचान बनाई थी। उन्होंने अपने राजनीतिक फैसलों से देश में कई बड़े बदलाव किए थे। वह न सिर्फ देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थी बल्कि वह तीन बार प्रधानमंत्री के पद पर आसीन हुई थी। साल 1966 से लेकर 1977 तक वह प्रधानमंत्री रही। इसके बाद वह 1980 से लेकर 1984 तक प्रधानमंत्री रही इसी कार्यकाल के दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी। इंदिरा गांधी की गिनती देश की प्रभावशाली महिलाओं में से होती है। दुनियाभर में उन्हें आयरन लेडी के नाम से भी बुलाया जाता है। तो चलिए आपको बताते हैं उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ तथ्य...

19 नवंबर 1917 में हुआ था जन्म

इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को नेहरु परिवार में हुआ था। उनकी माता का नाम कमला नेहरु और पिता का नाम जवाहरलाल नेहरु था। उनके पिता जवाहरलाल नेहरु ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाई थी, जिसके कारण वह काफी समय जेल में भी रहे थे। इंदिरा का बचपन काफी दुखों में बिता था, अपनी मां को भी उन्होंने छोटी उम्र में ही खो दिया था और उनका ज्यादातर समय नौकरों की संगति में ही बिता था। 1942 में इंदिरा गांधी ने 1942 में फिरोज गांधी से प्रेम विवाह किया था। फिरोज गांधी से उनकी दोस्ती ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान हुई थी।

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ऐसा रखा था राजनीती में कदम 

इंदिरा गांधी एक राजनीतिक परिवार में ही जन्मी थी, इसलिए वह बचपन से ही राजनीति से जुड़ी थी। उन्होंने अपने पिता के साथ स्वतंत्रता संग्राम में मुख्य भूमिका निभाई थी। 1930 में असहयोग आंदोलन के दौरान उन्होंने 1930 में बच्चों के साथ मिलकर वानर सेना का निर्माण किया, जो कई महत्वपूर्ण सरकारी जानकारियां कांग्रेस तक पहुंचाती थी। इसके अलावा इंदिरा गांधी ने बचपन में ही चरखा संघ की स्थापना की थी। सितंबर 1942 में उन्हें जेल में डाला गया था। देश आजाद होने के बाद उनके पिता जवाहरलाल नेहरु देश के पहले प्रधानमंत्री बने थे तो वह गैर सरकारी तौर पर एक निजी सहायक के रुप में उनकी सेवा में रही ती। पिता के मृत्यु के बाद 1964 में वह राज्यसभा के सदस्य के रुप में नियुक्त हुई थी। इसके बाद इंदिरा गांधी लालबहादुर शास्त्र के मंत्रिमंडल में सूचना और प्रसारण मंत्री बनी। लालबहादुर शास्त्री की आकस्मिक मृत्यु के बाद तत्कालीन कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष के कामराज ने इंदिरा गांधी को प्रधानंत्री बनाने में एक मुख्य भूमिका निभाई थी। 

इन पुरस्कारों से हुई थी इंदिरा गांधी सम्मानित 

इंदिरा गांधी एक ऐसी नेता थी, जिन्होंने वैश्विक स्तर पर एक अलग छाप छोड़ी और अपने जीवन में कई सारी उपलब्धियां हासिल की। 1972 में इंदिरा गांधी को भारत रत्न पुरस्कार मिला। इसी साल उन्हें बांग्लादेश का मैक्सिकन अकेडमी पुरस्कार भी मिला था। कूटनीति में उत्कृष्ट कार्य के लिए इटली ने इसाबेला डी एस्टे पुरस्कार और येल विश्वविद्यालय ने होलेंड मेमोरियल पुरस्कार भी दिया गया। फ्रांस जनमत संस्थान के सर्वेक्षण के मुताबिक वह 1967 और 1968 में फ्रांस की सबसे लोकप्रिय महिला थी। पशुओं के सरंक्षण के लिए 1971 में अर्जेंटीना सोसायटी के द्वारा उन्हें सम्मानित उपाधि भी दी गई। 1971 में किए गए अमेरिका के विशेष गैलप जनमत सर्वेक्षण के अनुसार, वह दुनिया की सबसे लोकप्रिय महिला थी। उनकी मृत्यु के बाद शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए साल 1986 में इंदिरा गांधी पुरस्कार की स्थापना भी दी गई थी। 

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सिख अंगरक्षक ने कर दी थी इंदिरा गांधी की हत्या 

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर, 1984 को नई दिल्ली के सफदरगंज रोड स्थित उनके घर में हत्या कर दी गई थी। ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद सिख समुदाय इंदिरा गांधी से काफी नाराज हो गया था, जिसके चले सिख अंगरक्षक सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। देश के बाद पूरे देश में आक्रोश बढ़ गया था और सिख दंगे भी भड़क गए थे। साल 1984 के सिख दंगों में कई सिख समुदाय के लोगों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ा था। 

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