जन्म और मृत्यु का चक्र हमेशा चलता रहता है। आठ जनवरी का दिन ब्रिटेन के महान भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग के जन्मदिन का साक्षी है। 8 जनवरी 1942 को ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी स्टीफन विलियम हॉकिंग का जन्म हुआ। गंभीर शारीरिक विकार के बावजूद उन्होंने अंतरिक्ष के बहुत से रहस्यों से पर्दा उठाया। असाधारण प्रतिभा के धनी हॉकिंग को ब्लैक होल और बिग बैंग सिद्वांत को प्रतिपादित करने का श्रेय हासिल है।
50 साल बिताए व्हील चेयर पर
विलियम हॉकिंग का जीवन कभी हार न मानने वाले हौसले और अदम्य इच्छाशक्ति की मिसाल है। उन्होंने लोकप्रिय विज्ञान के कई कार्यों के साथ व्यावसायिक सफलता हासिल की जिसमें उन्होंने अपने सिद्धांतों और ब्रह्मांड विज्ञान पर सामान्य रूप से चर्चा की। 50 से अधिक वर्षों तक मोटर न्यूरोन रोग के साथ रहने के बाद, 14 मार्च 2018 को 76 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया था।
बचपन से ही अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनना चाहते थे स्टीफन
बचपन से स्टीफन ने सोच लिया था कि वह अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनना चाहते थे। उन्होंने 20 वर्ष की आयु में कैंब्रिज कॉस्मोलॉजी विषय को शोध के लिए चुना और इस विषय पर पीएचडी भी की। उन्हे एमियोट्रोफिक लेटरल स्कलेरोसिस (A L S) नाम बीमारी ने जकड़ लिया था, जिसके चलते उनके शरीर के हिस्से धीरे - धीरे कार्य करना बंद हो गए थे। इसके बावजूद उन्होंने अपनी पढ़ाई पूर्ण की। उन्होंने कहा था कि- वह इस बीमारी के कारण एक बेहतरीन वैज्ञानिक बन पाए थे।
आत्मविश्वास के बल पर मौत को दी मात
डॉक्टरो ने कहा कि स्टीफन अब ज्यादा से ज्यादा सिर्फ 2 साल के मेहमान हैं। पहले तो स्टीफन को यह खबर सुन कर धक्का सा लगा पर जल्द ही उन्होंने अपने आप को संभालते हुए कहा- 2 नहीं, 20 नहीं पूरे 50 सालों तक जियूंगा और अपने आत्मविश्वास के बल पर स्टीफन 75 साल तक जिंदा रहे। उन्होंने बता दिया था कि इंसान शरीर से अपंग हो सकता है की दिमाग से अपंग नही हो सकता।
स्टीफन का मानना था- दुनिया में कोई विकलांग नहीं है
स्टीफन ने कहा था कि- मेरी अक्षमताओं की वजह से ही मुझे ब्रह्मांड पर किए गए शोध पर सोचने का काम मिला। मेरे अध्ययन ने यह साबित किया कि दुनिया में कोई विकलांग नहीं है। मैं दिमाग को एक कंप्यूटर समझता हूं जो उसके अलग-अलग हिस्सों के असफल होने की वजह से काम करना बंद कर देता है। स्टीफन ने ही दुनिया को अपनी सबसे महत्वपूर्ण खोज ब्लैक होल थ्योरी के बारे मे बताया था। बीमारी केे कारण इन्होने अपने जीवन केे लगभग 53 साल व्हील चेयर पर बिताए।
व्हील चेयर ने दिया पूरा साथ
स्टीफन की व्हील चेयर कुछ इस तरह बनी थी कि वो उनके लिए बोलती भी थी और उनकी बातों को समझती भी थी। वो जो चाहते थे, वो लिखती भी थी। दूसरों से संपर्क भी साधती थी। इस व्हील चेयर को वो कार की तरह तेज भगा भी सकते थे। स्टीफन कुर्सी पर से ही स्काइप कॉल करते थे, कंपनी इंटेल ने उनके लिए यह व्हीलचेयर और कम्प्यूटर तैयार किया था।