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Corona: आफत बन रहा साउथ अफ्रीका का स्ट्रेन, जानें कितना है खतरनाक

  • Edited By Janvi Bithal,
  • Updated: 18 Mar, 2021 05:15 PM
Corona: आफत बन रहा साउथ अफ्रीका का स्ट्रेन, जानें कितना है खतरनाक

दुनिया भर के लिए कोरोना वायरस आफत बन गया है। इसके बढ़ते मामलों ने सभी की चिंता बढ़ा दी है। बात भारत की करें तो देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कहीं लॉकडाउन तो कहीं नाइट कर्फ्यू भी लगा दिया गया है। वहीं भारत में  दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट के केस भी सामने आए हैं। आपको बता दें कि हाल ही में दिल्ली में भी साउथ अफ्रीका के म्यूटेंट स्ट्रेन का मामला पाया गया है। तो चलिए अब हम आपको बताते हैं कि आखिर यह वैरिएंट क्या है और क्या वैक्सीन पर यह असर करेगा?

दिसंबर में सामने आया था यह वैरिएंट

आपको बता दें कि यह वैरिएंट दिसंबर में समने आया था। यह वायरस इसलिए भी खतरनाक बताया जा रहा है क्योंकि यह भी यूके के स्ट्रेन की तरह ही ज्यादा तेजी से फैलता है। काफी हद तक यह दोनों एक समान ही हैं। विशेषज्ञों की मानें तो यह स्ट्रेन युवाओं को ज्यादा टारगेट करता है जिन्हें पहले से कोई रोग नहीं है।

अब सवाल उठता है कि क्या इस म्यूटेंट स्ट्रेन के सामने वैक्सीन कम असरदार है?

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इस पर हुई स्टडी की मानें तो वैक्सीन इस म्यूटेंट स्ट्रेन के खिलाफ कम असरदार है। हालांकि Moderna के रिजल्ट यह दिखाते हैं कि उनकी वैक्सीन साउथ अफ्रीका स्ट्रेन पर असरदार है। Johnson & Johnson वैक्सीन ने भी का रिजल्ट भी यही दिखाता है कि उसकी वैक्सीन इस स्ट्रेन के खिलाफ प्रोटेक्टिव है हालांकि इसकी प्रभावकारिता काफी कम थी। बता दें कि ऑक्सफोर्ड के एक अध्ययन के बाद, दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने भारत के सीरम संस्थान द्वारा आपूर्ति की गई वैक्सीन के उपयोग को रोक दिया है। वहां अभी एक डोज वाली जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन का कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस वैक्सीन के बारे में बताया गया कि साउथ अफ्रीकी वैरिएंट के खिलाफ यह 57 फीसदी सुरक्षा देती है।

क्या भारतीय वैक्सीन है असरदार?

भारत बायोटेक ने यह दावा किया है कि कोवैक्सिन यूके वैरिएंट के खिलाफ असरदार है लेकिन अभी तक साउथ अफ्रीकी वैरिएंट के संबंध में कोई स्टडी नहीं हुई है। साथ ही साउथ अफ्रीकी सरकार ने कहा है कि एस्ट्राज़ेनेका और ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन इस वैरिएंट पर सीमित रूप से ही असरदार पाई गई। आपको बता दें कि यह वो वैक्सीन है, जिसे भारत में कोविशील्ड नाम से दिया जा रहा है।

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इन नामों से भी जाना जा रहा साउथ अफ्रीकी वैरिएंट

आपको बता दें कि दुनिया भर में कोरोना ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। लगातार वायरस के म्यूटेशन देखे जा रहे हैं। बहुत कम लोग यह जानते हैं कि  साउथ अफ्रीकी वैरिएंट को B.1.351 या 501.V2 नाम से भी जाना जाता है। इस नए स्ट्रेन को ज्यादा संख्या वाला बताया जा रहा है।

50 फीसदी ज्यादा है संक्रामक

कोरोना का कहर अभी खत्म नहीं हुआ था कि लोगों को एक और चिंता सताने लगी। हालांकि अगर इस वायरस के प्रभाव की बात करें तो यह 50 फीसद ज्यादा संक्रामक है।

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गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में कोरोना के नए स्ट्रेन की पुष्टि की गई है, जो दक्षिण अफ्रीका में देखने को मिला था। इसके बाद से दिल्ली में सतर्कता बढ़ा दी गई है। वहीं, केरल में भी इस स्ट्रेन का एक मामला सामने आया है। बता दें कि अब तक दुनियाभर में कोरोना के अलग-अलग स्ट्रेन की पुष्टि की गई है।

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