इस बार अमावस्या 8 अप्रैल यानी के आज है और ये अमावस्या तिथि पर साल का पहला सूर्यग्रहण होगा। ये सुबह 8 बजकर 21 मिनट पर शुरू हो कर रात 11 बजकर 50 मिनट पर खतम होगा। आपको बता दें के इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण, पवित्र नदियों में स्नान, दान-पुण्य और दीपदान करने का काफी महत्व माना जाता है। अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत संज्ञा के संज्ञा अनुसार हर विवाहित स्त्रियां पीपल के वृक्ष की दूध, जल, पुष्प, अक्षत, चन्दन इत्यादि से पूजा करके 108 बार धागा लपेट कर परिक्रमा करती हैं। कहा जाता है के इस दिन कुछ खास उपाय करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। सिर्फ यही नहीं बल्कि कहा जाता है के इस दिन कुछ उपाय करने मात्र से ही बड़े से बड़े रुके काम पुरे हो जाएंगे। इसी के साथ चलिए आपको उनहीं उपायों के बारे में बताते हैं-
पवित्र नदियों में स्न्नान- शास्त्रों में भी स्नान करते समय सप्त नदियों, गंगा, यमुना, सिंधु, नर्मदा, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी को याद करने का विधान है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है। यदि आप नदियों में स्नान करने नहीं जा सकते तो आप घर में ही थोड़ा सा गंगाजल नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करें।
सूर्य को अर्घ्य प्रदान- हर जातक को रोज सुबह उठकर भगवान सूर्य की उपासना अवश्य करनी चाहिए। इससे जीवन में धन-वैभव और यश सदैव बना रहता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन सूर्य को जल देने से पूर्व जन्म और इस जन्म के सभी पापों से मुक्ति और भगवान सूर्य नारायण की कृपा प्राप्त होती है।
पीपल की पूजा- पीपल के पेड़ में सभी देवों का वास होता है। माना जाता है कि अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष में पितरों का वास होता है। इस दिन पीपल और भगवान विष्णु का पूजन किया जाए तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
दान- इस दिन अन्न, दूध, फल, चावल, तिल और आवंले का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। गरीबों, साधु,महात्मा तथा ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए और उन्हें जरूरत के वस्त्र दान करने चाहिए। एसे में पितरों की कृपा बनी रहती है।