बॉलीवुड के मशहूर निर्माता संजय लीला भंसाली किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। भंसाली अपने किसी न किसी बयान के चलते सुर्खियों में बने रहते हैं। अब हाल ही में उनकी नेटफ्लिक्स पर 'हीरामंडी द डायमंड बाजार' वेबसीरिज रीलिज हुई है। इस सीरिज को फैंस का खूब प्यार मिल रहा है। वहीं अब इस वेब सीरीज में लाहौर में मुस्लिम पात्रों के बारे में एक कहानी बताने के फैसले पर भी बात की है।
भारत पाकिस्तान एक है
संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज ऐसे समय पर रिलीज हुई है जब पाकिस्तानी कलाकारों का भारत में खुलकर स्वागत नहीं किया जा रहा। ऐसे में उनको पाकिस्तान की ओर से मिलता प्यार देख वह काफी खुश हैं। दिग्गज डायरेक्टर का कहना है कि इस सीरीज से मिलते प्यार और सम्मान को देख उनका यही कहना है भारत-पाकिस्तान एक है। एक नामी वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में इस पर खुलकर बात की है। लाहौर पर आधारित एक कहानी बताने के बारे में एक्टर ने बताया कि वह अपने पाकिस्तानी दर्शकों के बारे में क्या महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि - 'मुझे पाकिस्तान से बहुत प्यार मिला, लोग उत्सुकता से इसका इंतजार कर रहे थे।'
दोनों देशों से मुझे खूब प्यार मिल रहा है
संजय लीला भंसाली कहते हैं कि ये एक ऐसी सीरीज है जो किसी तरह हम सभी को एक साथ लाती है। भारत और पाकिस्तान अलग-अलग नहीं हुए थे। हीरामंडी के किरदार जितना भारत से जुड़े हैं उतना पाकिस्तान से भी जुड़े हुए हैं। दोनों देशों से शो को काफी प्यार भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे अब लगता है कि हम सब एक हैं, हम सब कई मायनों में जुड़े हुए हैं। दोनों तरफ के लोगों में बहुत प्यार है। कुछ लोगों को छोड़ दें तो वे मुद्दे पैदा करना चाहेंगे लेकिन वे प्रासंगिक नहीं है
हीरामंडी का नहीं किया लोगों ने विरोध
भंसाली अपने काम को लेकर बनाए गए मुद्दों से भी काफी वाकिफ हैं। पद्मावत की रिलीज से पहले उन्होंने दीपिका पादुकोण के लिए एक ईनाम भी रखा था। फिल्म के सेट पर एक उम्र संगठन के सदस्यों द्वारा उन पर शारीरिक हमला भी हुआ था। वहीं भंसाली ने बातचीत के दौरान बताया कि हीरांमंड के समय उन्हें किसी भी तरह के विरोध का सामना नहीं करना पड़ा था।
लोगों को मेरे काम से जोड़ती हैं
आगे डायरेक्टर कहते हैं कि पात्रों में ऐसी कई चीजें हैं जो मेरे काम में लोगों से जोड़ती है। यही कारण है कि वे इसके बारे में बात करते हैं। बहुत से लोग इसे पसंद भी करते हैं और बहुत से लोग इसे पसंद नहीं भी करते हैं। यह दर्शकों और फिल्म निर्माता के साथ लेन-देन का एक हिस्सा ही है। जब वे मुझे प्यार देते हैं तो मुझे प्यार पाने में कोई भी आपत्ति नहीं है और जब वे मेरे काम से नहीं जुड़ते हैं तो मुझे आलोचना होने में भी कोई आपत्ति नहीं है।