किशोरों और युवाओं में भी तनाव के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सर्वे के अनुसार, तनाव का मुख्य कारण काम, पैसा, सेहत और घर की बुरी हालत है। उम्र के साथ तनाव सहने की क्षमता बढ़ती है लेकिन एक हाईस्कूल और कॉलेज का छात्र में यह क्षमता सबसे कम होती है और यही वजह है कि कई बार स्थिति हाथ से निकल जाती है। हालांकि इसके एक कारण हार्मोन और शारीरिक बदलाव भी है। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि युवाओं में तनाव क्यों बढ़ रहा है और इसे कैसे दूर किया जा सकता है।
क्या है तनाव?
यूं तो मनुष्य का उदास या निराश होना स्वाभाविक है लेकिन जब ये एहसास काफी लंबे समय तक बना रहे तो समझ जाइए कि वो तनाव की स्थिति में है। यह एक ऐसा मानसिक विकार है, जिसमें व्यक्ति को कुछ भी अच्छा नहीं लगता। तनाव से ग्रस्त व्यक्ति को लगता है कि उसकी जिंदगी मे सिर्फ दुख ही दुख हैं।
पुरूष नहीं, महिलाओं को है ज्यादा खतरा
शोध के मुताबिक, महिलाओं के डिप्रेशन की चपेट में आने का खतरा पुरुषों के मुकाबले कहीं ज्यादा होता है। पुरुषों के मुकाबलें महिलाओं में डिप्रेशन की समस्या 20% ज्यादा है, जिसका सबसे मुख्य कारण मल्टीटास्किंग होना है। इसके आलवा हार्मोनल बदलाव, सिगरेट या शराब, फोन का ज्यादा इस्तेमाल भी आपको डिप्रेशन का शिकार बना सकता है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि भारत में 14 साल से कम उम्र के बच्चे डिप्रेशन के शिकार हैं। इस कैटेगिरी में लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं। डिप्रेशन की किशोरों में स्थिति इतनी खराब है कि उनको इलाज की काफी जरूरत है।
प्राकृतिक आपदाएं भी है तनाव का कारण
एक रिसर्च के अनुसार, प्राकृतिक आपदाएं भी मानिसक स्वास्थ को प्रभावित करती हैं। इसमें 60 फीसदी भूंकप के खतरे वाला क्षेत्र, 4 फीसदी करोड़ हैक्टेयर जमीन बाढ़ के खतरे वाली, 8 फीसदी क्षेत्र साइकलोन के खतरे वाला और 68 फीसदी इलाके सूखे के शामिल हैं यानि इन इलाकों में रहने वाले लोगों को तनाव का खतरा अधिक होता है।
रोजमर्रा के तनाव का कारण
रोजमर्रा की काम, पैसा और स्वास्थ्य समस्याएं भी तनाव का कारण बनती हैं, जिसमें 15-21 साल के 77% व 22 साल से ऊपर के 64% लोग काम के कारण तनाव की चपेट में आते हैं। वहीं पैसे के कारण 81% से 64 % लोग तनाव का शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में यह आकड़ा 75% से 63% और आर्थिक परेशानियों में 47% से 48% तक है।
ऐसी खबरें सुनकर भी होता है तनाव
शोध के अनुसार, अधिक लोगों को आतंकवाद, आत्महत्याया पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली खबरें सुनकर भी तनाव का सामना करना पड़ता है। इसके में 15-21 साल के 75% और 22 साल के उम्र से ऊपर के 62% लोग शामि हैं। इसके अलावा आत्महत्या वाली खबरों को लेकर 62% से 44% लोग और पर्यावरण की खबरें सुनने वाले 58% से 51% लोग तनाव के शिकार हैं।
तनाव से होने वाले नुकसान
-दिमाग में हाइपोथेलेमस सेम पाथवे को सक्रिय कर देता है और एड्रेनल ग्रंथी को संकेत भेजने लगता है जो एड्रेनालाइन हार्मोन का स्त्राव बढ़ा देती है। इससे व्यक्ति आक्रामक हो जाता है या जल्बाजी में रहता है। साथ ही इससे दिल की गति बढ़ना, अधिक पसीने आना, शुगर का स्तर बढ़ना और जल्दी-जल्दी सांस लेने जैसे परेशानियां होने लगती है।
-हमारे शरीर का तनाव के प्रति प्रतिक्रिया देना वाला केंद्रीय सिस्टम हाइपोथेलेमिक पिट्यूटरी एड्रेनल (एचपीए) ज्यादा सक्रिय हो जाता है। हाइपोथेलेमस पिट्यूटरी ग्रंथी को हार्मोन भेजकर सक्रिय करता है। पिट्यूटरी ग्रंथी एड्रेनल ग्रंथी को एसीटी हार्मोन भेजती हैं, जिससे हार्मोन कोर्टिसोल रिलीज होता है। कोर्टिसोल शरीर को हाई अलर्ट पर रखता है। इससे नींद कम हो जाती है और व्यक्ति बेवजह चौकन्ना रहता है।
बचाव के उपाय
-नकारात्मक सोच से बचें और खुश रहने की कोशिश करें।
-खाली समय में खुद को अच्छे कामों में व्यस्त रखें।
-वर्तमान में जीना सीखें, निर्णय थोपने की कोशिश ना करें।
-उपचार के साथ डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
-तनाव का कारण बनने वाली परिस्थितियों पर ज्यादा विचार ना करें।
-भरपूर नींद लें, लेकिन जरूरत से ज्याद न सोएं। सोने और सुबह उठने का एक समय निश्चित करें।
-हेड मसाज, सोना या स्टीम बाथ लें। इससे दिमाग को राहत मिलेगी।
-अपने परिवार व दोस्तों के साथ ज्यादा समय बिताने की कोशिश करें। अपने दोस्तों से मिलें, घूमने जाएं।
-ध्यान लगाएं और योग करें। यग तनावमुक्त रहने का सबसे अच्छा तरीका है।
क्या खाएं?
तनाव से बचना चाहते हैं तो अपनी डाइट में विटामिन सी, मिनरल्स,प्रोटीन से भरपूर चीजों को शामिल करें। इसके अलावा डाइट में हरे पत्तेदार सब्जियां, ताजे व मौसमी फल, काजू, भिगे हुए बादाम, अखरोट, हर्बल टी, डार्क चॉकलेट और ओटमील को शामिल करें। इसके अलावा रोजाना 1 गिलास हल्दी वाला दूध भी जरूर पिएं।
क्या न खाएं?
आयली, मसालेदार, जंक और प्रोसेस्ट फूड्स से दूर बनाएं। तनाव के साथ-साथ यह चीजें मोटापा और डायबिटीज का कारण भी बनती है। ऐसे में इनसे दूर रहना ही आपकी सेहत के लिए सही रहेगा। इसके अलावा शराब, तंबाकू, कैफीन, शुगर और पैकेट वाली हानिकारक चीजों से भी परहेज करें।
स्ट्रेस दूर करने के घरेलू टिप्स
नीम की पत्तियां
स्ट्रेस को कम करने के लिए नीम के पत्ते पीस कर पेस्ट तैयार कर लें। फिर इसे माथे पर लगाएं। इससे आपको काफी जल्दी फायदा मिलेगा।
ग्रीन टी
ग्रीन टी में एल-थियमाइन होता है जो नर्वस सिस्टम को शांत करके स्ट्रेस को दूर करता है। इसलिए अपनी रूटीन में कम से कम 2-3 कप ग्रीन टी जरूर पीएं।
बादाम
एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर बादाम का सेवन भी इंस्टेंट स्ट्रेस को दूर कर देता है। जब भी किसी बात को लेकर टेंशन में हो 4-5 बादाम खा लें। इससे आपका दिमाग रिलैक्स होगा। इसके अलावा भी इसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
पुदीने की पत्तियां
पुदीने को खाने में शामिल करने से भी स्ट्रेस मिनटों में दूर हो जाता है। पुदीना दिमाग को शांत करता है और स्ट्रेस जैसी प्रॉबल्म को हमेशा दूर रखता है।