राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को असम के तेजपुर वायुसेना अड्डे पर सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। यह किसी लड़ाकू विमान की उनकी पहली उड़ान थी। द्रौपदी मुर्मू से पहले पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल और रामनाथ कोविंद वायुसेना के फाइटर जेट्स में उड़ान भर चुके हैं।
अधिकारियों ने बताया कि ग्रुप कैप्टन नवीन कुमार तिवारी ने राष्ट्रपति को सुखोई-30 एमकेआई में लेकर उड़ान भरी। राष्ट्रपति तीनों सेवाओं की सर्वोच्च कमांडर हैं। वह फिलहाल असम की तीन दिन की यात्रा पर हैं। सुखोई-30 एमकेआई दो सीट वाला बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है। इसे रूसी कंपनी सुखोई ने विकसित किया है और इसका निर्माण लाइसेंस के तहत भारत के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने किया है
सुखोई जेट ने सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर टेक ऑफ किया और 11 बजकर 38 मिनट पर लैंड किया। सुखोई में उड़ान भरने वाली वह देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति बन गई हैं। उनसे पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल ने भी सुखोई में उड़ान भरी थी। उस समय उन्होंने दो वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किए थे। वे टी-90 टैंक और सुखोई -30 MKI में उड़ान भरने वाली विश्व की पहली राष्ट्रपति थी । इसके चलते उनका नाम गिनीज बुक में भी दर्ज किया गया था।
प्रतिभा पाटिल से पहले डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति रहने के दौरान 8 जून 2006 में सुखोई से उड़ान भर चुके हैं। वे ऐसा करने वाले देश के पहले राष्ट्रपति थे। प्रतिभा पाटिल ने उनके बाद सुखोई से उड़ान भरी। अब द्रौपदी मुर्मू ने उड़ान भरकर इतिहास रच दिया है।