ट्यूबरक्लोसिस यानी की टीबी एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। यदि कोई संक्रमित व्यक्ति बिना मास्क के खांसी करता है, छींकता है या बोलता है तो जीवाणु के जरिए इस रोग को फैलने की संभावना बढ़ जाती है। टीबी के कारण संक्रमित व्यक्ति काफी कमजोर हो जाता है। खांसी टीबी का सबसे पहला लक्षण मानी जाती है। इस बीमारी से जूझ रहे लोगों को अपनी डाइट और कुछ चीजों का ध्यान रखना जरुरी होता है। आज वर्ल्ड ट्यूबरक्लोसिस डे मनाया जा रहा है ऐसे में इस दिन पर आपको बताते हैं कि यदि आप टीवी के मरीज हैं तो क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
क्या खाएं?
हरी सब्जियां
टीबी से जूझ रहे मरीजों को वैसे तो सभी सब्जियों का सेवन करना चाहिए लेकिन आप हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। आप लोगों को ब्रोकली, टमाटर, गाजर, शकरकंद जैसी सब्जियां का सेवन करना चाहिए। यह एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर मानी जाती हैं।
ग्रीन टी
आप लोगों को चाय और कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए। चाय और कॉफी की जगह आप ग्रीन टी पी सकते हैं। यह टीवी के इलाज में फायदेमंद मानी जाती है। इसका सेवन करने से शरीर को भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स मिलते हैं जो शरीर में मौजूद गंदगी बाहर निकालने में मदद करते हैं।
विटामिन और पोषक तत्व
टीबी के मरीजों को विटामिन-ए, बी, सी, डी और ई का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा आप लोगों को प्रोटीन से भरपूर आहार जरुर खाना चाहिए। मिनरल में आपको सेलेनियम, जिंक, फोलिक एसिड और कैल्शियम से भरपूर आहार शामिल करना चाहिए। एकसाथ खाने की जगह आप थोड़ी-थोड़ी मात्रा में डाइट खाएं।
लहसुन
टीबी एक ऐसी बीमारी है जिसके कारण व्यक्ति काफी कमजोर हो जाता है। इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण शरीर में बीमारियां पनपने लगती हैं। ऐसे में आप लहसुन का सेवन जरुर करें। लहसुन में पाए जाने एलिसिन टीबी के बैक्टीरिया पर असर डालता है। रोजाना सुबह लहसुन का सेवन करना आप लोगों के लिए फायदेमंद रहेगा।
खाएं ये फल
अमरुद, सेब, संतरा, नींबू, आंवला, आम जैसे फलों का सेवन करें। इनमें पाया जाने वाला विटामिन-ई, ए और सी शरीर को मजबूत बनाने और बीमारियों से बचाने में मदद करता है।
क्या न खाएं?
. तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
. ट्रांस फैट से युक्त चीजों से भी परहेज करें।
. चाय और कॉफी का ज्यादा मात्रा में सेवन न करें।
. धूम्रपान और शराब से परहेज करें।
इलाज
इस डाइट के अलावा डॉक्टरों के द्वारा बताई गई दवाईयों का पूरा कोर्स करें। डॉक्टर से बिना पूछे दवाई बंद न करें। जब तक पूरी तरह से इलाज न हो तो टीबी ठीक नहीं हो पाता। बीच में इलाज छोड़ देने से बैक्टीरिया में दवाईयों के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है और आपको मुश्किल हो सकती है ऐसे में दवाईयां असर नहीं करती। ऐसे में दवाईयों का पूरा कोर्स करें।