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आकाश पर रखें नजर : 'ग्रहों की परेड' से लेकर शनि के छल्ले गायब होने तक 2025 में दिखने को मिलेगा बहुत कुछ

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 01 Jan, 2025 04:34 PM
आकाश पर रखें नजर : 'ग्रहों की परेड' से लेकर शनि के छल्ले गायब होने तक 2025 में दिखने को मिलेगा बहुत कुछ

नारी डेस्क: हर रात आसमान में तारों की आंख मिचौली या नक्षत्रों की वार्षिक परेड के साथ साथ हमेशा रोमांचक घटनाएं होती हैं। वर्ष 2025 कोई अपवाद नहीं है और नए साल में भी ऐसी रोमांचक घटनाएं होनी हैं। रात का आकाश बेहद खूबसूरत होता है और आप यहां उल्लिखित घटनाओं को देख सकते हैं, भले ही आप कई अन्य लोगों की तरह प्रकाश-प्रदूषित शहर में रहते हों। अधिकतर घटनाओं के लिए आपको दूरबीन या दूरबीन की आवश्यकता नहीं होती। यहां कुछ मुख्य बातें दी गई हैं।

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मार्च और सितंबर 

ये दो आगामी माह चंद्र ग्रहण वाले होंगे। सोमवार आठ सितंबर की सुबह चंद्र ग्रहण शुरू होगा जब चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया में चला जाएगा। हल्के झुकाव वाली लाल रोशनी दिखेगी क्योंकि उस समय हम सूर्योदय और सूर्यास्त के प्रतिबिंब को देख रहे होंगे। पूर्ण चंद्र ग्रहण सूर्य ग्रहण से अधिक सामान्य है और इसे पृथ्वी के उन सभी क्षेत्रों से देखा जा सकता है जहां रात होती है। सूर्य ग्रहणों के विपरीत, चंद्र ग्रहण को बिना किसी सहायता के, आंखों से देखना सुरक्षित है।  ग्रहण की शुरुआत पृथ्वी की छाया से होती है जो लगभग एक घंटे में धीरे-धीरे चंद्रमा को ढक लेती है। इसी तरह, पूर्णता के बाद पृथ्वी की छाया को चंद्रमा से दूर होने में लगभग एक घंटा लगता है। इससे पहले 14 मार्च, शुक्रवार की शाम को, एओटेरोआ, न्यूज़ीलैंड के लोग सूर्यास्त के ठीक बाद क्षितिज से ऊपर उगते हुए पूर्ण रूप से ग्रहणग्रस्त चंद्रमा को देख पाएंगे। पूर्वी ऑस्ट्रेलिया के दर्शकों को भी चंद्रोदय के बाद आंशिक रूप से ग्रहणग्रस्त चंद्रमा की एक संक्षिप्त झलक मिलेगी। इसे सिडनी से 34 मिनट, ब्रिसबेन से 43 मिनट और केर्न्स से 16 मिनट के लिए ही देखा जा सकेगा। 

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मार्च

शनि की पहचान बताने वाले उसके छल्ले गायब हो रहे शनि और उसके खूबसूरत वलयों को दूरबीन से देखना हमेशा रोमांचकारी होता है। चाहे आप उन्हें पहली बार देख रहे हों या सौवीं बार, मन भरता ही नहीं है। हालांकि, 2025 की शुरुआत में छल्लों के समतल से पृथ्वी के गुज़रने पर ये छल्ले गायब हो जाएंगे। यह घटना शनि की सूर्य के चारों ओर 29 साल की परिक्रमा के दौरान दो बार होती है, यानी लगभग 15-15 साल के अंतराल पर। बहरहाल, यह घटना 24 मार्च को होगी लेकिन हम इसे देख नहीं पाएंगे क्योंकि इस दिन शनि सूर्य के बेहद करीब होगा। इससे पहले फरवरी के मध्य तक शाम को और मार्च के अंत से सुबह में हम शनि को काफी संकीर्ण, झुके हुए छल्लों के साथ देख पाएंगे। शनि को उसके छल्लों के साथ या उसके बिना देखने के लिए एक छोटी दूरबीन की आवश्यकता होती है। यदि आपके पास ऐसी दूरबीन नहीं है तो आप सिडनी वेधशाला जैसी किसी सार्वजनिक वेधशाला में जा सकते हैं या स्थानीय खगोलीय समूह, जैसे कि विक्टोरिया की खगोलीय सोसायटी के साथ मेलबर्न वेधशाला में अवलोकन सत्र में भाग ले सकते हैं। 

 

मई और दिसंबर में होगा उल्कापात

वर्ष में दो मुख्य उल्कापात एटा एक्वेरिड और जेमिनिड होने हैं। 2025 में, एटा एक्वेरिड बुधवार सात मई की सुबह सबसे अच्छी तरह से दिखाई देंगे, जबकि जेमिनिड रविवार 14 दिसंबर और सोमवार 15 दिसंबर की सुबह सबसे अधिक दिखाई देंगे। इस वर्ष, दोनों उल्कापात के लिए देखने की परिस्थितियां अनुकूल हैं, क्योंकि सात मई और 14 दिसंबर को सुबह आकाश में कोई चमकीला चंद्रमा नहीं होगा। उन्हें देखने के लिए, भोर से पहले उत्तर-पूर्व (एटा एक्वेरिड) और उत्तर (जेमिनिड) की ओर देखें। आसमान जितना गहरा होगा, उतना अच्छा होगा। स्ट्रीट लाइट या किसी अन्य रोशनी से दूर रहें, तभी चमचमाती बरसती उल्काओं का आनंद लिया जा सकेगा। जनवरी, अप्रैल, अगस्त में होगा पांच ग्रहों का क्रांतिवृत्त सौर मंडल में पांच ग्रह - बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि - आकाश में एक रेखा के साथ चलते हैं जिसे क्रांतिवृत्त कहा जाता है। इन ग्रहों को आप सामान्यत: आंखों से देख सकते हैं। जैसे-जैसे ग्रह चलते हैं, तो वे कभी-कभी एक-दूसरे के करीब से गुजरते हुए दिखाई देते हैं और दिलचस्प पैटर्न लेते हैं। बेशक, वे केवल हमारे दृष्टिकोण से ही करीब दिखाई देते हैं। 

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चमकीला ग्रह देखने का मिलेगा मौका 

 वर्ष 2025 में 18-19 जनवरी को सबसे चमकीला ग्रह शुक्र, शाम के आकाश में वलय वाले ग्रह शनि के करीब होता है। इसके बाद एक से 15 अप्रैल तक बुध, शुक्र और शनि सूर्योदय के समय पूर्वी आकाश में धीरे-धीरे बदलते कॉम्पैक्ट समूह का निर्माण करते हैं। सौर मंडल के दो सबसे चमकीले ग्रह शुक्र और बृहस्पति 12 और 13 अगस्त को सुबह के आकाश में केवल दो चंद्रमा-चौड़ाई (टू मून विड्थ) से अलग होते हैं। जून और अगस्त में तारों की जमावट भी अलग अलग रूप में दिखती है। जैसे-जैसे साल आगे बढ़ता है, शाम के आसमान में अलग-अलग नक्षत्र दिखाई देते हैं। 2024 में आकाश में ओरियन और स्कॉर्पियस (शिकारी और बिच्छू) की आंख मिचौली दिखी। अब 2025 में, दक्षिणी क्रॉस (खगोलविद इसे क्रूक्स कहते हैं) और सैजिटेरियस यानी धनु (धनुर्धारी) पर नक्षत्र प्रेमियों की नजरें टिकेंगी। दक्षिणी क्रॉस दक्षिणी आकाश में सबसे प्रसिद्ध नक्षत्र है। इसे ढूंढना आसान है, क्योंकि यह क्रॉस के आकार में चमकीले तारों के एक कॉम्पैक्ट समूह से बना है। सेंटॉरस के पड़ोसी नक्षत्र, सेंटॉर के दो पॉइंटर सितारे भी इसकी स्थिति को दिखाने में मदद करते हैं।

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