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Nari

क्या आप अपनी बेटी को रात को ... ?  छात्राओं के हॉस्टल से बाहर जाने को लेकर हुआ हंगामा

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 08 Aug, 2025 02:18 PM
क्या आप अपनी बेटी को रात को ... ?  छात्राओं के हॉस्टल से बाहर जाने को लेकर हुआ हंगामा

नारी डेस्क: पंजाब विश्वविद्यालय (PU) ने लड़कियों के हॉस्टल में स्थान लेने वाले छात्रों के माता‑पिता को एक नया घोषणा फॉर्म (declaration form) भरने को कहा। इसमें उनसे पूछा गया था कि क्या वे अपनी बेटी को दिन-रात किसी भी समय हॉस्टल से बाहर जाने की अनुमति देते हैं और साथ ही यह अधिकार विश्वविद्यालय को भी दिया गया कि यदि छात्रा देर रात तक वापस न आती हो तो माता-पिता को सूचित किया जाए 


नाराज़गी क्यों?

2018 में छात्राओं ने कड़ी मशक्कत करके 24×7 हॉस्टल एक्सेस हासिल की थी। इस नए फॉर्म को छात्रों की स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता पर अंकुश लगाने वाला कदम माना गया, क्योंकि यह एक नियंत्रण की कोशिश और निगरानी बढ़ाने जैसा था। अब प्रदर्शन और छात्र विरोध के बाद विश्वविद्यालय ने विवादास्पद घोषणा फॉर्म को हटा दिया। अब सिर्फ एक साधारण undertaking लिया जाएगा, जिसमें माता‑पिता को यह जानकारी देकर सहमति देनी होगी कि हॉस्टल 24×7 खुला है और छात्रा को घुमने-फिरने की पूरी आज़ादी है 


कैसे पुष्टि होगी?

यदि माता‑पिता खुद आकर फॉर्म नहीं भर सकते, तो हॉस्टल के वार्डन वीडियो कॉल के माध्यम से उनसे बातचीत कर सहमति सुनिश्चित कर सकते हैं । इस बारे में बात करते हुए, डीएसडब्ल्यू अमित चौहान ने कहा- "हमने कुछ बदलाव किए हैं। इन प्रावधानों में बस अभिभावकों को यह बताना शामिल होगा कि छात्रावास चौबीसों घंटे खुले रहते हैं और उनके बच्चे दिन या रात किसी भी समय बाहर जा सकते हैं।"


क्यों बना ये नियम?

छात्रों का तर्क था कि यह नया नियम अभिभावकों की सहमति की आड़ में प्रतिबंधों को प्रभावी ढंग से फिर से लागू करता है, जिससे 2018 में कैंपस में महिलाओं के लिए समान आवागमन के अधिकारों की मांग करने वाले 48-दिवसीय विरोध प्रदर्शन की भावना कमज़ोर हो गई। पीयू अधिकारियों के अनुसार, यह फॉर्म पिछले साल एक एमएससी छात्रा की सैर के दौरान हुई मौत के बाद शुरू किया गया था। उसके माता-पिता का कहना था कि उन्हें नहीं पता था कि वह नियमित रूप से रात में बाहर रहती थी या छात्रावास में चौबीसों घंटे प्रवेश की अनुमति थी। प्रशासन का दावा है कि उसके बाद से कई अभिभावकों ने इसी तरह की चिंताएं व्यक्त की हैं।
 

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