आज महिलाएं किसी से कम नहीं। पुरुष प्रधान क्षेत्रों में भी महिलाओं का दमखम देखा जा सकता है। आपने आज तक ट्रक मैकेनिक के रूप में केवल पुरुषों को ही देखा होगा, लेकिन आपको ये जानकर खुशी होगी कि एक महिला यह काम बखूबी कर रही है। 61 साल की शांति देवी भारत की पहली महिला मैकेनिक है जो ट्रकों को चुटकियों में ठीक कर देती हैं। ट्रक के बड़े-बड़े टायरों को बदलना तो उनके लिए बाएं हाथ का खेल है। दिल्ली के बाहरी इलाके में नेशनल हाइवे 4 पर संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर डिपो है जहां आपको शांति देवी इन ट्रकों के बीच काम करती दिखेंगी।
आसान नहीं था शांति देवी का सफर
शांति देवी के लिए यह सफर आसान नहीं था। वो एक गरीब परिवार से हैं उनकी मां ने उनका पेट पालने के लिए बहुत मेहनत की। मां को काम करते देख शांति देवी की भी हिम्मत बढ़ी। शान्ति ने सबसे पहले सिलाई और बीड़ी बनाने का काम किया। जिसके जरिए वो 4500 रुपए जमा करने में कामयाब हुईं और अपनी शादी कर ली। शान्ति देवी का पहला पति कोई काम नहीं करता था। वो बताती कि वो जो भी कमाती थी, उनका पति शराब पीने में उड़ा देता था। परिवार की आर्थिक हालत खराब थी। ऐसे हालात में वह काम की तलाश में परिवार सहित दिल्ली चली गईं। पहले वह इसी डिपो में चाय की दुकान चलाती थीं।
पहले पति की मौत के बाद शांति ने सिखा ट्रक ठीक करने का काम
दिल्ली में ही शराब पीने की वजह से शान्ति देवी के पहले पति की मौत हो गई। फिर राम बहादुर के साथ उन्होंने दूसरी शादी की। डिपो में चाय की दुकान के काम से उन्हें कम आमदनी होती थी। बाद में ज्यादा कमाई के लिए उन्होंने ट्रक ठीक करने का काम सीखा। इस काम में पति राम से उनको भरपूर मदद मिली। शांति कहती हैं कि पति के साथ वह टीम की तरह काम करती हैं। आज शान्ति देवी पति के साथ डिपो में 20 साल से भी ज्यादा समय से ट्रक ठीक करने का काम कर रही हैं। वहीं पति राम बहादुर को अपनी पत्नी पर गर्व है। वह कहते हैं कि आज पत्नी की कमाई की वजह से उनके पास घर है और वो सुकून का जीवन बिता रहे हैं।