'अंतरिक्ष परी' के नाम से मशहूर कल्पना चावला के बारे में भला कौन नहीं जानता हैं। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से उन्होंने भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बनने का मुकाम हासिल किया था। वहीं उनके अंतरिक्ष से जुड़े किस्से तो आपने कई सुने होंगे लेकिन उनकी लव स्टोरी भी काफी दिलचस्प थी। आसमान में उड़ने का सपना देखने वाली भारत की बेटी कल्पना सात समंतर पार फ्रांस के एक लड़के को अपना दिल दे बैठी थी। चलिए आज कल्पना चावला की जयंती पर हम आपको उनकी लव स्टोरी के बारे में बताते हैं...
हरियाणा के करनाल में जन्मीं कल्पना
देश का नाम रोशन करने वाली कल्पना चावला 17 मार्च, 1962 को हरियाणा के करनाल जिले में पैदा हुई थी। उन्होंने हरियाणा से ही स्कूलिंग पास की। उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वे चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी गई और वहां से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री पाई। इसके बाद कल्पना ने टैक्सास यूनिवर्सिटी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए फ्रांस गई। वहीं पढ़ाई दौरान उनकी मुलाकात जीन पियर से हुई। जीन फ्रांस से टेक्सास पायलट की ट्रेनिंग लेने के लिए आए हुए थे।
पढ़ाई के दौरान ही कर थी शादी
मुलाकात होने के बाद दोनों मिलने लगे और प्यार में पड़ गए। ऐसे में दोनों ने पढ़ाई दौरान ही दिसंबर 1983 में शादी कर ली। शादी करने के बावजूद भी कल्पना का अंतरिक्ष को लेकर जज्बा कभी कम नहीं हुआ था। शादी के 5 साल बाद 1988 में कल्पना नासा के एम्स रिसर्च सेंटर में काम करने लगी। इसके बाद उनकी मेहनत रंग लाई और वह घड़ी आई, जिसका कल्पना सहित पूरी दुनिया इंतजार कर रही थी। वे साल 1995 में अंतरिक्ष-यात्री के लिए चुनी गई।
दो बार की अंतरिक्ष की सैर
कल्पना ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा STS-87 कोलंबिया स्पेस शटल से 19 नवंबर 1997 से लेकर 5 दिसंबर, 1997 तक की। इस यात्रा में उन्होंने 80 से अधिक परीक्षण किए। कल्पना के अंतरिक्ष के जज्बे से नासा भी अच्छी तरह वाकिफ था। इसी कारण कल्पना को दूसरी बार फिर से अंतरिक्ष यात्रा करने के लिए चुना गया। उन्होंने अपनी दूसरी अंतरिक्ष यात्रा 16 जनवरी, 2003 में एस. टी. एस.-87 कोलंबिया स्पेस शटल से शुरु की।
भयानक हादसे में हुए कल्पना की मौत
कोलंबिया स्पेस शटल की यात्रा दौरान उन्हें करीब 360 घंटे अंतरिक्ष में बिताने के बाद जब उनका शटल 1 फरवरी, 2003 को धरती पर पहुंचने वाला था तो कुछ मिट पहले ही वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में कल्पना के साथ 6 अन्य अंतरिक्ष यात्रियों की भी मौत हो गई। इसतरह भारत ने कल्पना चावला के रूप में एक अनमोल हीरा खो दिया।
अंतरिक्ष था कल्पना का पहला प्यार
'अंतरिक्ष परी' के नाम से जाने जानी वाली कल्पना चावला ने एक बार कहा था कि- 'मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनी हूं, हर पल अंतरिक्ष के लिए बिताया और इसी के लिए मरूंगी।' उनके द्वारा बोले गए ये शब्द सच में बदल गए। उनका सफर अंतरिक्ष से प्रेम करने से शुरू होकर अंतरिक्ष यात्रा में ही खत्म हो गया।
कल्पना की मौत के बाद अकेले रह गए जीन
उधर कल्पना की मौत के बाद उनके पति जीन दुनिया में अकेले रह गए। वे आज भी उनकी यादों को साथ लेकर जिंदगी में आगे बढ़ रहे हैं। बता दें, जीन ने अपनी पत्नि कल्पना की आत्मकथा 'Edge of Time' जीन लिखी है। ऐसे में ये आत्मकथा जीन और कल्पना की प्रेम की निशानी के रूप में आज हमारे बीच है।